Hardik Patel News : हार्दिक पटेल ने 669 शब्दों के त्याग पत्र में किया कांग्रेस की 9 कमजोरियों का जिक्र, क्या आप जानना चाहेंगे कौन से मुद्दे हैं इसमें शामिल?
Hardik Patel News : हार्दिक पटेल ने 669 शब्दों के अपने त्याग पत्र में एक के बाद एक यानि कुल 9 आरोप कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर लगाए हैं। साथ ही कहा है कि जनता जिन मुद्दों का समाधान चाहती है कांग्रेस उसी का विरोध करती है।
Hardik Patel News : गुजरात में नवंबर 2022 में विधानसभा चुनाव ( Gujrat assembly Election 2022 ) होना है। उससे ठीक छह माह पूर्व युवा कांग्रेस के कद्दावर नेता हार्दिक पटेल ( Hardik Patel ) ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। तीन साल पहले वह गाजे-बाजे के साथ कांग्रेस ( Congress ) में शामिल हुए थे, लेकिन बहुत कम समय में उनका मोहभंग हो गया, ऐसा क्यों? क्या यह सियासी अवसरवादिता है या कुछ और? उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वो कहां जा रहे हैं? इसलिए अभी अवसरवादिता का आरोप लगाना ठीक नहीं होगा। इसके बावजूद माना तो यही जा रहा है कि वो बहुत जल्द भाजपा ( BJP ) में शामिल होंगे।
फिलहाल, हम इस बात पर चर्चा करना चाह रहे हैं कि जिस कांग्रेस ( Congress ) को भाजपा ( BJP ) से बेहतर विकल्प मानकर पार्टी में शामिल हुए, उससे उनका मोहभंग क्यों हो गया कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा ( Hardik Patel resignation ) दे दिया। हार्दिक पटेल ने 669 शब्दों के अपने त्याग पत्र में एक के बाद एक यानि कुल 9 आरोप कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) और राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर लगाए हैं। नीचे उन्हीं के शब्दों में जानिए क्या हैं ये आरोप।
1. विरोध की राजनीति तक सिमट गई कांग्रेस
यह 21वीं सदी है और भारत विश्व का सबसे युवा देश है। देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं। पिछले लगभग 3 वर्षों में मैंने ( Hardik Patel News ) यह पाया है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है, जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं, एक ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो, देश को आगे ले जाने की क्षमता रखता हो।
2. जो देश चाहता है उससे बेरुखी क्यों?
चाहे अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना हो अथवा जीएसटी लागू करने जैसे निर्णय हों, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था।
3. जनता को भविष्य का रोडमैप देने में भी असमर्थ
कांग्रेस ( Gujrat Congress News ) पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही। भारत देश हो, गुजरात हो या मेरा पटेल समाज हो, हर मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड सिर्फ केंद्र सरकार का विरोध करने तक सीमित रहा। कांग्रेस को लगभग देश के हर राज्य में जनता ने रिजेक्ट इसलिए किया है क्योंकि कांग्रेस पार्टी और पार्टी का नेतृत्व जनता के समझ एक बेसिक रोडमैप तक प्रस्तुत नहीं कर पाया।
4. नेतृत्व का ध्यान समस्याओं के बजाय मोबाइल पर ज्यादा
कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एकबड़ा मुद्दा है। मैं, जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी तो हमारे नेता विदेश में थे।
5. गुजरातियों से नफरत वाला रवैया क्यों?
शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है जैसे कि गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफरत हो। ऐसे में कांग्रेस कैसे अपेक्षा करती है कि गुजरात के लोग उन्हें विकल्प के तौर पर देखेंगे।
6. सिर्फ चिकन और सैंडविच पर जोर
दुख होता है जब हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं और फिर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता तो जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आये हुए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं।
7. देश के युवा पूछते हैं सवाल - कांग्रेस में क्यों हैं आप?
युवा युवाओं के बीच मैं जब भी गया तो सभी ने एक ही बात कही कि आप ऐसी पार्टी में क्यों हो, जो हर प्रकार से गुजरातियों का सिर्फ अपमान ही करती है। चाहे वह उद्योग के क्षेत्र में हो, चाहे धार्मिक क्षेत्र में, चाहे राजनीति के क्षेत्र में हो। मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने युवाओं का भी भरोसा तोड़ा है, जिसके कारण आज कोई भी युवा कांग्रेस के साथ दिखना भी नहीं चाहता। मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है कि आज गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया गया है और इसके बदले में स्वयं बड़े आर्थिक फायदे उठाये हैं।
8. नेताओं का बिक जाना जनता से धोखा
राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है। परंतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इस प्रकार बिक जाना प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है। राजनीति में सक्रिय हर व्यक्ति का धर्म होता है कि जनता के लिए कार्य करता रहे, लेकिन अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात की जनता के लिए कुछ अच्छा करना ही नहीं चाहती। इसलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता था तो पार्टी ने सिर्फ मेरा तिरस्कार ही किया। मैंने, सोचा नहीं था कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व हमारे प्रदेश, हमारे समाज और विशेष तौर पर युवाओं के लिए इस प्रकार का द्वेष अपने मन में रखता है।
9. हार्दिक को किसने काम करने से रोका
Hardik Patel News : आज मैं बड़ी हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के सभी पद और पार्टी की प्राथमिकत सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं भी मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में समग्र गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा। जनता से मिले प्रेम का ऋण चुकाने के लिए मैं सदैव प्रयास करता रहूंगा।
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