छात्रनेता हेमंत यादव के हत्यारों को मिल रहा योगी के मंत्री दयाशंकर सिंह का संरक्षण, परिवार ने लगाये गंभीर आरोप
बलिया में दिनदहाड़े छात्रनेता की हत्या के बाद योगी आदित्यनाथ की चुप्पी न सिर्फ आपराधिक है, बल्कि इस तरह से वह सवर्ण सामंती तत्वों का हौसला बढ़ा रही है। सरेआम लाठी डंडों से लैस हिंसा करने वाले सवर्ण सामंती अपराधी सूबे की कानून व्यवस्था को ध्वस्त कर दिए हैं...
Hemant Yadav murder case : 11 अप्रैल को दिनदहाड़े यूपी के बलिया में छात्रनेता हेमंत यादव की हत्या कर दी गयी थी। आज हेमंत यादव के परिजनों से मिलने एक टीम पहुंची, जिसे परिजनों ने बताया कि सवर्ण सामंती अपराधियों ने छात्रसंघ चुनाव के लिए उनके बच्चे हेमंत यादव की बर्बर हत्या की।
परिजनों का आरोप मुख्य अभियुक्त शिप्रांत सिंह की गिरफ्तारी न होना, महाविद्यालय के सीसीटीवी कैमरा का न काम करना, परीक्षा के वक्त पुलिस नदारद, चंद दूरी पर पुलिस चौकी होने के बावजूद घटनास्थल पर न पहुंचाना गंभीर साजिश की तरफ इशारा करते है।
13 अप्रैल 2023 को बलिया में छात्रनेता हेमंत यादव की हत्या के बाद उनके पैतृक गांव धड़सरा उनके पिता मनराज यादव से रिहाई मंच, संयुक्त किसान मोर्चा, ऑल इंडिया बैकवर्ड फेडरेशन, कारवां और सामाजिक न्याय मोर्चा के नेताओं ने की मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निशांत राज, संयुक्त किसान मोर्चा से बलवंत यादव, राघवेंद्र राम, लालू तिवारी, एआईबीईएफ, नेशनल सोशल जस्टिस मूवमेंट के राजेंद्र यादव, दुर्गा प्रसाद यादव, कारवां के अधिवक्ता विनोद यादव,अवधेश यादव आदि शामिल रहे।
प्रतिनिधि मंडल ने योगी सरकार से मांग की कि मृतक हेमंत यादव के परिजनों को 1 करोड़ रुपए, घायल आलोक यादव को 25 लाख रुपए के साथ दोनों परिवारों की सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस, हत्यारोपियों को तत्काल गिरफ्तार करते हुए घटना की सीबीआई जांच कराई जाए।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि बलिया में दिनदहाड़े छात्रनेता की हत्या के बाद योगी आदित्यनाथ की चुप्पी न सिर्फ आपराधिक है, बल्कि इस तरह से वह सवर्ण सामंती तत्वों का हौसला बढ़ा रही है। सरेआम लाठी डंडों से लैस हिंसा करने वाले सवर्ण सामंती अपराधी सूबे की कानून व्यवस्था को ध्वस्त कर दिए हैं।
प्रतिनिधि मंडल से परिजनों ने कहा कि दिनदहाड़े हत्या के तीन दिन होने को हैं, पर अब तक मुख्य अभियुक्त शिप्रांत सिंह की गिरफ्तारी का न होना महाविद्यालय के सीसीटीवी कैमरे का न काम करना, परीक्षा के दौरान पुलिसकर्मियों का नदारद होना, चंद दूरी पर पुलिस चौकी के होने के बावजूद पुलिस का हेमंत, आलोक को बचाने के लिए न आना, हेमंत को तब तक पीटा गया जब तक कि वह अधमरा नहीं हो गया, ये तथ्य बताते हैं कि इस मामले में गहरी साजिश की गई है। हेमंत की रेकी करके दसियों की संख्या में सुनियोजित हत्या की गई।
परिजनों ने बताया कि हत्यारोपी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिप्रांत सिंह मेढ़ी गांव के रणधीर सिंह को चुनाव लड़ाना चाहता था। हेमंत की मजबूत दावेदारी और लोकप्रियता के चलते उसने उसको मार डाला। गांववालों का कहना है कि बीजेपी के विधायक परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह सवर्ण सामंती अपराधियों का संरक्षण करते रहे हैं और इस घटना में उनके और बीजेपी नेताओं के दबाव के चलते पुलिस कार्रवाई में नरमी बरती जा रही है। इस मामले में एक अन्य युवक आलोक यादव जिसके बारे में गांव के लोगों ने बताया कि आंख में और शरीर पर गंभीर चोट के चलते वह वाराणसी के एक हॉस्पिटल में भर्ती है।
हेमंत के पिता मनराज यादव जो कि नासिक में सेना में तैनात हैं, ने कहा कि हेमंत चुनाव की तैयारी कर रहा था। घटना की देर शाम उनको मालूम चला कि बेटे की हत्या कर दी गई है। दूसरे दिन देर शाम वे आए। उनसे पूछने पर कि क्या बलिया एसपी, डीएम ने उनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि एसपी साहब ने बलिया उनको मिलने के लिए बुलाया है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि एक छात्रनेता की दिनदहाड़े हत्या के बाद जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने परिजनों के साथ सहानुभूति तक व्यक्त नहीं की।