पायलट गुट को फिलहाल राहत, 21 की शाम तक इनके विरुद्ध नहीं लिया जा सकेगा कोई ऐक्शन
राजस्थान हाईकोर्ट में अब 20 जुलाई को आगे की सुनवाई होगी। नोटिस को लेकर 21 की शाम 5.30 बजे तक इनपर आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी।
जनज्वार। राजस्थान हाईकोर्ट में पायलट खेमे की याचिका पर अब 20 जुलाई को सुनवाई होगी। आज इस याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 20 जुलाई को तय कर दी है।
आज चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच में सुनवाई हुई। विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दलील रखी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर किसी गतिविधि को दल-बदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।
पायलट गुट को फिलहाल राहत मिली है। कोर्ट ने कहा कि नोटिस पर मंगलवार की शाम तक कोई एक्शन न लिया जाय। कोर्ट अब सोमवार यानि 20 जुलाई को सुनवाई करेगी। स्पीकर द्वारा दी गई समयसीमा आज ही समाप्त हो रही थी और माना जा रहा था कि स्पीकर आज शाम कोई ऐक्शन ले सकते हैं।
स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने मीडिया से कहा 'नोटिस को लेकर स्पीकर के समक्ष होने वाली सुनवाई को मंगलवार की शाम 5.30 बजे तक स्थगित कर दिया गया है। उस समय तक विधायकों के विरुद्ध कोई ऐक्शन नहीं लिया जा सकता।'
राजस्थान में स्पीकर द्वारा सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को 15 जुलाई को एक नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में उनपर पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल न होने के लिए कारण पृच्छा की गई थी। दो दिनों के अंदर जबाब देने का समय दिया गया था, जिसकी समयसीमा आज पूरी हो रही थी। नोटिस में कहा गया था कि CLP की बैठक में वे क्यों अनुपस्थित रहे, जबकि पार्टी द्वारा व्हिप जारी किया गया था।
इससे पहले आज एक ऑडियो टेप वायरल होने के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट गुट के दो विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। दोनों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए पहली बार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम लिया था।
राजस्थान सरकार को अस्थिर करने की साजिश के आरोप में कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा,केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और एक अन्य संजय जैन के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
एक वायरल हुई टेप का हवाला देते हुए पार्टी के दो विधायकों भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था।