Hijab vs Saffron Scarf : कर्नाटक के बहाने BJP की यूपी में धुव्रीकरण की तैयारी!

Hijab vs Saffron Scarf : कर्नाटक में हिजाब विवाद का सीधा संबंध यूपी से भी है। यूपी चुनाव में मुद्दा 80 और 20 है, न कि विकास। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले सीएम योगी ने खुद इसका जिक्र किया था। यानि​ चुनाव को हिंदू बनाम मुस्लिम बनाने की तैयारी पहले से है।

Update: 2022-02-06 03:10 GMT

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से सवा साल पहले धुव्रीकरण की तैयारी!

Hijab vs Saffron Scarf : कर्नाटक में विधानसभा चुनाव करीब सवाल साल बाद है, लेकिन जिस तरह से वहां पर हिजाब बनाम भगवा स्कार्फ ( Hijab vs Saffron Scarf ) को तूल दिया जा रहा है, उससे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) वहां पर अभी से चुनाव की तैयारी में जुट गई है। फिलहाल, कर्नाटक ( Karnataka ) में हिजाब ( Hijab ) को लेकर विवाद पहले से ज्यादा गहरा गया है।

याद कीजिए, सीएम योगी ने एक सवाल के जवाब में क्या कहा था

हिजाब बनाम स्कार्फ विवाद में खास बात यह है कि भगवा ब्रिगेड की चाहत यूपी चुनाव को हिंदू बनाम मुस्लिम के आधार पर चुनाव कराने की है। यही वजह है कि यूपी में भाजपा का चुनावी मुद्दा 80 और 20 है, न कि विकास। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले सीएम योगी ने खुद इसका जिक्र किया था। यानि​ चुनाव को हिंदू बनाम मुस्लिम बनाने की तैयारी पहले से है। कर्नाटक से उसे केवल हवा देने का काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लागू होने से पहले यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा था कि यह चुनाव 80 फीसद बनाम 20 फीसद का होगा। लखनऊ में एक कार्यक्रम में योगी आदित्‍यनाथ से ब्राह्मण वोटों को लेकर जब एक सवाल पूछा गया था तब उन्होंने जवाब में कहा कि यह चुनाव इससे कहीं आगे बढ़ चुका है।

इस बीच कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर विवाद के बढ़ने के बीच राज्य सरकार ने शनिवार को ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिए हैं, जो स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं। सरकारी आदेश में कहा गया है कि कर्नाटक शिक्षा कानून, 1983 के खंड 133 (2) को लागू किया गया है। ताजा आदेश में कहा गया है कि एक समान शैली की पाोशाक अनिवार्य रूप से पहनी जानी चाहिए। निजी स्कूल प्रशासन अपनी पसंद के परिधान का चयन कर सकता है। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से यह विवाद और तूल पकड़ेगा।

दूसरी तरफ कर्नाटक में हिजाब विवाद की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हिजाब विवाद ने सांप्रदायिक धुव्रीकरण के लिए जमीन तैयार कर दी है। मई, 2019 में कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव हैं।

कर्नाटक में काफी संख्या में मुस्लिम लड़कियां हिजाब पर रोक के ख़िलाफ़ हैं। इन लड़कियों की ओर से जिस वकील ने हाइकोर्ट में अर्ज़ी दी है उनका कहना है कि कोई भी कानून इस पहनावे पर रोक नहीं लगाता। मुस्लिम लड़कियों के मुताबिक़ हिजाब पर रोक ठीक नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील एम ताहिर का कहना है कि 2021-22 के लिए जो गाइडलाइन्स सरकार की तरफ से जारी की गई है उसके मुताबिक किसी भी तरह की रोक प्री यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेज में नहीं होगी। अगर कोई अपने हिसाब से इस कानून का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।

दूसरी तरफ दक्षिणपंथी संगठनों ने मुस्लिम लड़कियों को हिजाब लगाकर स्कूल आने से रोकने की मांग की है। इस मांग के साथ हिजाब का विरोध जोर पकड़ने लगा है। दरअसल, प्री यूनिवर्सिटी बोर्ड कॉलेजेस में ड्रेस कोड की वकालत नहीं करता, लेकिन सभी कॉलेज की अपनी स्कूल डेवलपमेंट एंड मॉनिटरिंग कमेटी है, जो दिशा-निर्देश तय करती है। ऐसे अलग-अलग कॉलेजों ने अपने हिसाब से नियम बनाए हैं और यहीं से दुविधा की स्थिति पैदा होती हैं।

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि यह मामला मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हमें अपना पक्ष रखना है। वहीं कुछ मुस्लिम लड़कियों ने तरफ से कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब की इजाजत देने के लिए याचिका दायर की गई है। याचिका दायर करने वाले वकील के मुताबिक सरकार की गाइडलाइन्स प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में पहनावे पर किसी तरह की रोक लगाने की वकालत नहीं करती है। विरोध करने वालों का कहना है कि हिजाब पहनकर यूनिवर्सिटी कॉलेजों में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। अब इसको लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है।

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