Himachal Pradesh Election 2022 Date : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के तारीखों का EC ने किया एलान, 12 नवंबर को होगी वोटिंग, 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे

Himachal Pradesh Election 2022 Date : प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीख और काउंटिंग की तारीख की घोषणा की है, हिमाचल प्रदेश में 17 नवंबर को चुनाव होंगे...

Update: 2022-10-14 10:18 GMT

Gujarat Election 2022 : गुजरात चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान होगा आज, 12 बजे इलेक्शन कमीशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस

Himachal Pradesh Election 2022 Date : हिमाचल प्रदेश में चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधान सभा के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीख और काउंटिंग की तारीख की घोषणा की है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 17 नवंबर को चुनाव होंगे।

हिमाचल प्रदेश में एक फेज में होगा चुनाव

मुख्य चुनाव आयोग ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में 17 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। हिमाचल प्रदेश में एक फेज में चुनाव होगा। 27 अक्टूबर को नामांकनों की स्क्रूटनी होगी। वहीं 29 अक्टूबर को नाम वापस लिए जा सकेंगे। हिमाचल प्रदेश में नोटिस12 नवंबर को होगी और 8 दिसंबर को काउंटिंग होगी। दें कि आज चुनाव आयोग ने 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस दौरान ही चुनाव के तारीखों की घोषणा की गई है।

बुजुर्ग और ट्रांसजेंडर वोटर्स का ख्याल

चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फेंस के जरिए कहा कि 'अक्टूबर के महीने में हम एक और उत्सव जोड़ने वाले हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमारे दिमाग में बड़े लक्ष्य हैं। चुनाव आयोग निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।' साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 'हम चुनावों को शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने गाइडलाइंस में बदलाव किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालयों के जरिए हमने चर्चा की है।' इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गाइडलाइंस बनाते वक्त नए वोटर्स का ख्याल रखा गया है। इसके साथ ही बुजुर्ग और ट्रांसजेंडर वोटर्स का भी ध्यान रखा गया है।

हिमाचल प्रदेश में 2017 के चुनाव की स्थिति

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में राज्य की 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। वर्तमान में राज्य में कुल 68 विधानसभा क्षेत्र हैं और सरकार बनाने के लिए 35 सीटों की जरूरत पड़ेगी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थीं। वहीं 3 विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं। राज्य में 48 विधानसभा सीटें सामान्य वर्ग के लिए थी। 68 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 44 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 21 सीटें आईं थीं। वहीं 2 सीटों पर निर्दलीय और एक सीट पर सीपीआइ (मार्क्सवादी) ने जीत हासिल की थी। वर्तमान में राज्य में 53 लाख 76 हजार 77 रजिस्टर्ड मतदाता हैं। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में यहां पर 75.28 फ़ीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

वोट पर्सेंटेज की बात करें तो बीजेपी को कुल 48.8 फीसदी वोट मिले ते, जबकि कांग्रेस को राज्य में 41.7 प्रतिशत वोट मिले थे। तब कांग्रेस ने सवर्ण मतों को अपने पाले में लाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार का सहारा लिया था, लेकिन पिछले चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चिंता ये थी कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रेम कुमार धूमल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव हार गए थे।

गुजरात में 2017 के चुनाव की स्थिति

गुजरात सरकार का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो रहा है। गुजरात में कुल 182 सीटें हैं। इनमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति आदिवासी समाज के लिए रिजर्व हैं। गुजरात में वर्तमान में 4 करोड़ 35 लाख 46 हजार 956 रजिस्टर्ड मतदाता हैं। 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव की 182 सीटों के लिए 2 चरणों में हुए थे। औसतन 68.41 फीसदी मतदान हुआ था। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 99 सीटों पर तो कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2 सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी, एक सीट एनसीपी को मिली थी, बाकी तीन सीटों में निर्दलीय जीते थे। इसमें कांग्रेस समर्थित जिग्नेश मेवानी भी शामिल थे। इससे पहले 2012 में हुए चुनाव में बीजेपी को 115 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 61 सीटों पर जीत मिली थी।गुजरात में लंबे समय से चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला हो रहा है लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी भी जी तोड़ मेहनत कर रही है।

दोनों राज्यों में त्रिकोणीय मुकाबला

बता दें कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश, इन दोनों राज्यों में अभी बीजेपी सरकार चला रही है। ऐसे में इस बार वह अपनी सत्ता बचाने के लिए चुनावी समर में उतरेगी। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है लेकिन इस बार इन राज्यों में आम आदमी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ रही है। पंजाब के विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उसके हौंसले बुलंद हैं। गुजरात में आम आदमी पार्टी ने मजबूत पकड़ बना रखी है। ऐसे में अब चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस वजह से बीजेपी डरी हुई और सहमी हुई है।

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