अडानी के फ्रॉड और भ्रष्टाचार मामले पर संसद में चर्चा नहीं चाहते प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी का बड़ा आरोप
'मैं सरकार के बारे में काफी समय से बोल रहा हूं कि 'हम दो, हमारे दो'। सरकार डरी हुई है कि संसद में अडानी जी पर चर्चा न हो जाए। सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए। आप लोग कारण जानते ही हैं कि इस पर चर्चा क्यों न हो। मैं 2-3 साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं। इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए...
Adani expose : हिंडनबर्ग रिसर्च में गौतम अडानी के फ्रॉड और भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद मोदी सरकार खासकर पीएम मोदी निशाने पर हैं। आज 6 फरवरी ने देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। राहुल गांधी ने तो सीधे सीधे यह आरोप लगा दिया है कि पीएम मोदी अडानी के भ्रष्टाचार मुद्दे पर संसद में कोई चर्चा ही नहीं होने देंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडानी मामले में पीएम मोदी को घेरते हुए कहा, 'पीएम मोदी नहीं चाहते कि संसद में इस मामले पर चर्चा हो, लेकिन देश को ये पता तो चलना चाहिए कि अडानी के पीछे कौन सी शक्तियां काम कर रही हैं। मैं 2-3 साल से अडानी का मुद्दा उठा रहा था, पर सरकार नहीं सुन रही थी। अब भी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि संसद में अडानी मुद्दे पर कोई चर्चा न हो। सरकार को संसद में इस पर चर्चा की अनुमति देनी चाहिए।'
मीडिया को दिये गये बयान में राहुल गांधी बोले, 'मैं सरकार के बारे में काफी समय से बोल रहा हूं कि 'हम दो, हमारे दो'। सरकार डरी हुई है कि संसद में अडानी जी पर चर्चा न हो जाए। सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए। आप लोग कारण जानते ही हैं कि इस पर चर्चा क्यों न हो। मैं 2-3 साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं। इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।'
गौरतलब है कि अडानी विवाद पर सरकार से जवाब मांगते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया था। सांसदों ने "अडानी-मोदी में यारी है, पैसे की लूट जारी है", "एलआईसी बचाओ" और "नहीं चलेगी और बेमानी, बस करो मोदी-अडानी" जैसे नारों वाले कार्ड हाथों में लिए हुए प्रदर्शन किया था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देशभर में इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
लोकसभा के अलावा राज्यसभा में भी इस मुद्दे को लेकर विपक्षी सांसदों ने अपना विरोध दर्ज किया था। भारी विरोध और हंगामे को देखते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि तथ्य यह है कि आप बाहरी उद्देश्यों के लिए विचार-विमर्श के लिए एक यह चुनते हैं, यह उचित नहीं है...मैं आपसे अपील करता हूं, यह सोचने का समय है कि आम आदमी क्या सोच रहा है।' भारी हो हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी थी।
गौरतलब है कि Hindenburg Research की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की अकाउंटिंग और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठाए गये थे। हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च के बाद दावा किया है कि अदानी की कंपनियों पर पर्याप्त क़र्ज़ है, जिससे पूरा ग्रुप खतरे में है। रिपोर्ट का खुलासा करने के साथ अडानी ग्रुप से 88 सवाल पूछे गये थे, जिसके बाद से अडानी ग्रुप लगातार घाटे में जा रहा है। दुनिया के सबसे बड़े अमीर इंसान रहे गौतम अडानी अब टॉप 20 से भी बाहर हो चुके हैं।