तब्लीगियों पर 11 हजार का इनाम रखने वाले हिंदू युवा वाहिनी के नेता, मां और बहन की कोरोना से मौत

यह भी एक दुखद आश्चर्य ही है कि तब्लिगियों को पकड़वाने पर 11 हजार का इनाम घोषित करने वाले मुख्यमंत्री योगी के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के नेता अज्जू हिंदुस्तानी, जिन्हें योगी का हनुमान कहा जाता था, उनकी मां और बहन भी कोरोना से नहीं बच सकीं...

Update: 2020-08-06 06:37 GMT

जनज्वार। हिंदू युवा वाहिनी के बस्‍ती जिला प्रभारी रहे अज्जू हिंदुस्तानी और उनकी बहन के बाद मंगलवार 4 अगस्त को उनकी मां का भी कोरोना से निधन हो गया। अज्जू हिंदुस्तानी और उनकी बहिन की कोरोना से मौत के बाद उनकी मां भी कोरोना संक्रमित निकली थीं, जो 6 दिन तक बस्‍ती मेडिकल कॉलेज के ओपेक चिकित्सालय कैली में उपचाराधीन रहीं थीं, मगर कोरोना का असर बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर उनकी हालत बिगड़ती गयी और डॉक्टर उन्हें भी बचाने में नाकाम रहे।

यह वही अज्जू हिंदुस्तानी हैं, जिन्होंने अप्रैल में तब्लीगियों को कोरोना फैलाने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया था। योगी के हनुमान के बतौर ख्यात अज्जू हिंदुस्तानी ने कहा था कि कोरोना के विभीषिका से जूझते उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक दोषी तबलीगी जमात और उससे जुड़े हुए लोग हैं। बस्ती मंडल में भी कोरोना रोग फैलने का प्रमुख कारण जमात और उससे जुड़े लोग ही हैं, जिन्होंने लाखों की आबादी को खतरे में डाल दिया और विकास को रोकने का काम किया हैं। इन देशद्रोहियों पर त्वरित कार्रवाई पुलिस द्वारा की जानी चाहिए।'


इतना ही नहीं तब अज्जू हिंदुस्तानी की अगुवाई में हिंदू युवा वाहिनी ने घोषणा की थी कि जो कोई तब्लीगियों को पकड़ेगा उन्हें हमारे संगठन की तरफ से 11 हजार का नकद इनाम दिया जायेगा। उन्होंने कहा था कि साजिश के तहत जमाती और रोहिंग्या कोरोना फैला रहे है।।

अज्जू हिंदुस्तानी हिंदू—मुस्लिमों के बीच नफरत की राजनीति को बढाने वाले वक्तत्व देते रहते थे। अज्जू हिंदुस्तानी ने योगी सरकार से यह भी मांग की थी कि पिछले 10 वर्षों में जितने भी नई मस्जिदें, मदरसे और मजारें बनी है उनकी विधिवत जांच कराई जाए कि उनका संचालन किसके हाथों में है उसके जमीनों का मालिकाना हक, उसका स्टैंप और नक्शा वैध रूप से है कि नहीं।

गौरतलब है कि 19 जुलाई को पीजीआई में टेस्ट के बाद पता चला कि हिन्दू युवा वाहिनी के बस्ती जिला प्रभारी अज्‍जू हिन्‍दुस्‍तानी कोरोना से संक्रमित पाये गये थे। उन्‍हें भी कैली चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर 23 जुलाई को उन्‍हें पीजीआई रेफर कर दिया गया, जहां पर इलाज के दौरान 30 जुलाई को अज्जू हिंदुस्तानी की मौत हो गई।


30 जुलाई की शाम को बस्ती मेडिकल कॉलेज में भर्ती अज्जू हिंदुस्तानी की बहन की भी हालत कोरोना संक्रमण के बाद काफी बिगड़ गयी थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गयी। भाई-बहिन की मौत के बाद उनकी मां भी कोरोना संक्रमित पायी गयीं। बस्‍ती मेडिकल कॉलेज के ओपेक चिकित्सालय कैली में 4 दिन तक रोग से जूझने के बाद 4 अगस्त को उनकी मौत हो गयी।

तब्लीगियों को कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराने वाले अज्जू हिंदुस्तानी ने जब कोरोना भारत में पांव पसार रहा था तब दावा किया था कि यज्ञ-हवन करने से इसका असर दूर हो जायेगा। इसके लिए उन्होंने बाकायदा हवन करवाया भी था। उन्होंने दावा किया था कि हमारे ऋषियों-मुनियों ने ऐसी बहुत सी बीमारियों को हवन से खत्म किया है। उन्होंने कहा था हवन में जितना कपूर और घी डालेंगे, उसके धुएं से उतने ज्यादा वायरस खत्म होंगे। हवन से कोरोना खत्म करने का प्रचार करने हुए उन्होंने दर्जनों ब्लॉकों में इसका आयोजन किया था। 

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