आदिवासियों से छीन ली जाए आरक्षण की सुविधा, भाजपा के वैचारिक सहयोगी संगठन VHP नेता ने की मांग
धर्मांतरण करने वालों को आरक्षण की सुविधा से वंचित करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दूसरे धर्म में परिवर्तित होने वाले आदिवासियों को संविधान के तहत अनुसूचित जनजातियों को प्रदान की जाने वाली आरक्षण और अन्य सुविधाओं का लाभ न मिले।
नई दिल्ली। एक तरफ उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में वापसी की जद्दोजहद में जुटी है तो दूसरी तरफ हिंदूवादी नेता ही मोदी और योगी की राह में मुसीबत बढ़ाने में लगे हैं। विश्व हिन्दू परिषद ( Vishwa Hindu Parishad ) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ( VHP Alok Kumar ) ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि ऐसे अनुसूचित जनजाति ( Schedule Tribe) के लोगों से संविधान द्वारा दी गई आरक्षण ( BAN ST Reservation ) की सुविधा छीन ली जानी चाहिए, जिन्होंने धर्मांतरण कर दूसरा धर्म स्वीकार कर लिया हो।
विहिप नेता आलोक कुमार ने कहा कि जिस तरह धर्म बदलने पर अनुसूचित जाति के लोगों का आरक्षण खत्म हो जाता है, उसी तरह से ST समुदाय के उन लोगों का भी आरक्षण खत्म होना चाहिए, जिन्होंने दूसरे धर्म को अपना लिया है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूसरे धर्म में परिवर्तित होने वाले आदिवासियों को संविधान के तहत अनुसूचित जनजातियों को प्रदान की जाने वाली आरक्षण और अन्य सुविधाओं का लाभ न मिल सके। इसके लिए जरूरत होने पर सरकार को संविधान में संशोधन करना चाहिए।
सांसदों से करेंगे इस बात की अपील
आलोक कुमार ( VHP Alok Kumar ) ने कहा कि वह सांसदों से भी इस बात की अपील करेंगे। ताकि इस बारे में संविधान संशोधन बिल या कोई अन्य बिल संसद में लाया जा सके। हम देश में धर्मांतरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए और अधिक सांसदों तक पहुंचना जारी रखेंगे।
योगी को जवाब देना पड़ जाएगा भारी
वीएचपी नेता का बयान ऐसे समय में आया है जब यूपी विधानसभा चुनाव ( UP Election 2022 ) की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। हिंदूवादी नेताओं के इस तरह के बयान को विपक्षी नेता भाजपा के खिलाफ मुद्दा बना सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो योगी के लिए एसटी समुदाय के लोगों को जवाब देना भारी पड़ जाएगा।
ST के लोगों को मिलता 7.5% आरक्षण का लाभ
बता दें कि संवैधान के मौजूदा कानून के मुताबिक केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों की नौकरियों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रमशः 15%, 7.5% और 27% सीटें आरक्षित हैं। इनके अलावा कई लोकसभा और विधानसभा सीटें भी SC/ST समुदाय के लिए आरक्षित की गई हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में ST की आबादी 8.6 फीसदी यानी 10.42 करोड़ है।