'मुझे खुशी है कि कोविड में अनेक लोगों को ऑक्सीजन की कमी से जान गंवानी पड़ी': गडकरी

गडकरी को जैसे ही अपनी गलती का एहसास हुआ उन्होंने संभलते हुए कहा कि हवा से ऑक्सीजन बनाने की तकनीक है। कोविड में अनुभव हुआ कि किसी को 3 से 4 लीटर तो किसी को 3 मिनट में 20 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है....

Update: 2021-06-09 15:07 GMT

(ऑक्सीजन प्लांट के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान फिसली गडकरी की जुबान)

जनज्वार डेस्क। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की जुबान उस वक्त फिसल गई जब वह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ऑक्सीजन प्लांट के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। गडकरी ने अपने भाषण में कहा, 'सबसे पहले मुझे बहुत खुशी है कि कोविड से इस समय हमारे देश में अनेक लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी'।

हालांकि गडकरी को जैसे ही अपनी गलती का एहसास हुआ उन्होंने संभलते हुए कहा कि हवा से ऑक्सीजन बनाने की तकनीक है। कोविड में अनुभव हुआ कि किसी को 3 से 4 लीटर तो किसी को 3 मिनट में 20 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसे में सभी जिलों को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होना होगा।

हमने अभी जियोलाइट 350 टन रूस से इंपोर्ट किया है। आगे हम इस मामले में आत्मनिर्भर हों, इसका प्रयास करना होगा। हमारे रोड कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्टर ने नैनी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की सोची, यह समाज के लिए हितकारी है। कार्यक्रम में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सिद्धार्थनाथ सिंह और महेंद्र नाथ सिंह भी उपस्थित रहे।

गडकरी ने कहा कि मैंने केशव प्रसाद (डिप्टी सीएम), सिद्धार्थनाथ सिंह (योगी सरकार में मंत्री) व महेंद्र सिंह से कहा कि प्रदेश में जितने भी 50 बेड वाले अस्पताल हैं, उनमें ऑक्सीजन प्लांट अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। सरकार इस पर जल्द नियम लाए।

उन्होंने कहा कि अब आक्सीजन कंसंट्रेटर देश में बनने लगे हैं। चार लोगों को एक ही सिलेंडर से ऑक्सीजन मिल जाती है। हमने महाराष्ट्र में बहुत सस्ते में इसे खरीदा है। इसके लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का बैंक भी खोला है। इससे किसी की जान नहीं जाएगी। बाइपैक भी 2500 खरीदा है।

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