चमोली के कर्णप्रयाग में भी भू धंसाव से जोशीमठ जैसे हालातों के बाद स्थिति गंभीर, सीएम धामी को पत्र लिखकर किया गया आगाह

कर्णप्रयाग नगर के विभिन्न हिस्सों- बहुगुणा नगर, गांधी नगर, राजनगर, आईटीआई, ईडा बधाणी, अपर बाजार में भू धँसाव और जमीन के कटाव के चलते स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. भू धँसाव और भू कटाव के चलते लोगों के घरों में भी दरारें आ रही हैं, जो निरंतर बढ़ रही है. लोग डर के साये में, जीवन पर मंडराते खतरे के बीच जीने को मजबूर हैं. ...

Update: 2023-01-11 17:02 GMT

After Joshimath Karnprag Disaster : मौत के मुहाने पर खड़े जोशीमठ के हालातों से मीडिया के माध्यम से पूरी दुनिया रू—ब—रू हो चुकी है, मगर उत्तराखण्ड के कई हिस्से ऐसे हैं, जहां ऐसे ही हालात बने हुए हैं। भाकपा (माले) ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखकर चमोली के ऐसे कई क्षेत्रों के बारे में न सिर्फ बताया है, बल्कि खतरों को भांपते हुए आगाह किया है कि इन इलाकों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो यहां जोशीमठ से भी भयावह हालात हो सकते हैं।

जिलाधिकारी कर्णप्रयाग के वाया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे गये पत्र में माले ने लिखा है, महोदय, चमोली जिले के कर्णप्रयाग नगर के विभिन्न हिस्सों- बहुगुणा नगर, गांधी नगर, राजनगर, आईटीआई, ईडा बधाणी, अपर बाजार में भू धँसाव और जमीन के कटाव के चलते स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. भू धँसाव और भू कटाव के चलते लोगों के घरों में भी दरारें आ रही हैं, जो निरंतर बढ़ रही है. लोग डर के साये में, जीवन पर मंडराते खतरे के बीच जीने को मजबूर हैं. बहुगुणा नगर में एनएचआईडीसीएल और मंडी परिषद द्वारा की गयी कटिंग इसका कारण है, राजनगर में भी एनएचआईडीसीएल द्वारा की गयी कटिंग ही इसका कारण है.

यह विडंबना है कि ऐसी गंभीर स्थिति के संदर्भ में पूर्व में भी शासन-प्रशासन को अवगत कराया जाता रहा, लेकिन संकट में घिरे लोगों को इस संकट से उबारने के लिए कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी.


पत्र में आगे लिखा गया है, हम यह मांग करते हैं कि भू धँसाव और भू कटाव झेल रहे कर्णप्रयाग नगर के विभिन्न हिस्सों का तत्काल समयबद्ध भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाया जाये, जिन क्षेत्रों में ट्रीटमेंट संभव है, वहां अविलंब ट्रीटमेंट की कार्यवाही शुरू की जाये और जो क्षेत्र रहने योग्य नहीं हैं, वहां लोगों के तत्काल विस्थापन और पुनर्वास का समुचित इंतजाम किया जाये. ट्रीटमेंट करने के दौरान यदि अस्थायी तौर पर विस्थापन करना हो तो उसका उचित इंतजाम किया जाये.

ट्रीटमेंट, विस्थापन आदि का कार्य त्वरित व उचित तरीके से हो सके, इसके लिए संकट जिन की वजह से उपजा है, उन पर ज़िम्मेदारी आयद करते हुए यह कार्यवाही की जाये, जैसे कि

1.बहुगुणा नगर, गांधी नगर, राजनगर में भूधँसाव का कारक एनएचआईडीसीएल और मंडी परिषद पर मुआवजे, ट्रीटमेंट और पुनर्वास की ज़िम्मेदारी आयद की जाये क्यूंकि इन क्षेत्रों में उनके द्वारा की गयी कटिंग के चलते ही ऐसे हालात पैदा हुए हैं.

2.अपर बाजार के ट्रीटमेंट का काम एनएचपीडबल्यूडी को करना चाहिए क्यूंकि उनके सड़क निर्माण की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है.


3.ईडा बधाणी में भू स्खलन के रोकथाम के उपाय किए जाएँ.

चूंकि संकट बेहद गंभीर है, इसलिए उत्तराखंड सरकार से मांग है कि वह तत्काल इस पर कार्यवाही करे. यदि एक सप्ताह के भीतर इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं होती तो हम उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व उत्तराखंड सरकार का होगा.

भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी, परिवर्तन यूथ क्लब के संयोजक अरविंद चौहान, कर्णप्रयाग के पूर्व नगर​पालिका अध्यक्ष सुभाष गैरोला, नंदा देवी राजजात समिति के भुवन नौटियाल के अलावा पुष्कर रावत, पंकज डिमरी, सीता देवी, नीलम रावत, आरती चमोली, आशा डिमरी, तुला देवी बिष्ट, उमेश रतूड़ी, चंडी प्रसाद सारस्वत, बी पी सती, हरेंद्र बिष्ट, प्रेम सिंह दानू, सरला खंडूड़ी, मनवर सिंह, दिनेश सिंह, संतोष कुमार, नारायण दत्त रतूड़ी, चंद्र बल्लभ और चंद्रशेखर ने जिलाधिकारी कर्णप्रयाग के माध्यम से मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखा है कि वह समय रहते चेत जायें, नहीं तो उत्तराखण्ड में जगह जगह जोशीमठ जैसे हालात होंगे। 

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