कर्ज में डूबे उत्तराखंड में भी माननीय विधायकों को बांट दिये गये साढ़े तीन करोड़ के लैपटॉप, RTI से हुआ खुलासा
विधानसभा का सत्र भले ही हंगामे और आरोप प्रत्यारोप की भेंट चढ़े या विधायक कोई प्रस्ताव तक विधानसभा में न रख पाएं, लेकिन विधायकों की सहूलियत पर खर्चा बदस्तूर जारी है। वह भी कर्ज में डूबे उत्तराखंड में...
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Dehradun news : उत्तराखंड के विकास का खाका तैयार करने के लिए राज्य के सर्वोच्च सदन विधानसभा के चलने वाले सत्रों को भले ही कुछ घंटे में निबटा लिया जाए, जनता के चुने हुए विधायक भले ही विधानसभा में रखने वाले प्रस्तावों को रखने में फिसड्डी हों, लेकिन सरकार इन प्रस्तावों को तैयार करने में मदद के लिए विधायकों को हर सुविधा मुहैया कराती है। उत्तराखंड में विधायकों के प्रत्येक कार्यकाल में नया लैपटॉप दिया जाता है। यह हाल तब है जब उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
राज्य स्थापना के बाद लगातार राज्य पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। हर साल घाटे का बजट भी पेश होता है। भरपाई के लिए आमजनता पर महंगाई का चाबुक चलता है। इस मामले में विपक्ष भी इसलिए नहीं बोलता क्योंकि उसके विधायक भी इन सुविधाओं का हर तरफ से लाभ उठाने में पीछे नहीं रहते हैं। हैरानी की बात यह भी है कि विधायक यदि दुबारा चुना गया है तो उसे भी सरकार अगले कार्यकाल के लिए नया लैपटॉप मुहैया कराती है। इसी का परिणाम है कि अभी तक राज्य में करीब साढ़े तीन करोड़ के लैपटॉप माननीय विधायकों को बांटे जा चुके हैं। विधानसभा सचिवालय द्वारा सूचना अधिकार के तहत ली गई जानकारी से यह तथ्य सामने आया है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन (एडवोकेट) ने विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी से विधायकों की सुविधाओं पर खर्च की सूचनाएं मांगी थी। इसके जवाब में अपील के बाद विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी/अनुसचिव मनोज कुमार ने यह लैपटाॅप उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी सूचनायें उपलब्ध करायी गयी है। उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्य गठन से पांचवी विधानसभा के सदस्यो तक 5 बार सभी 71 विधायकों को लैपटाॅप दिये गये, जिस पर कुल 3 करोड़ 37 लाख 22 हजार 149 रूपये की धनराशि खर्च हुई है।
विवरण के अनुसार 2004 में 58,66,588 रूपये खर्च करके 71 लैपटाॅप 82,628 रू. प्रति लैपटाॅप की दर के उपलब्ध कराये गये। इसके साथ ही 13,208 रू. प्रति प्रिंटर की दर के 71 प्रिंटर भी 9,37,768 रू.खर्च करके उपलब्ध कराये गये। 2007 में 71 विधायकों को 70,19,231 रू. कीमत के लैपटाॅप टैक्स सहित रू. 51,83000 खर्च करके उपलब्ध कराये गये, जबकि 8,550 रू. की कीमत के प्रिंटर टैक्स सहित 6,31,332 रूपये खर्च करके उपलब्ध कराये गये।
वर्ष 2012 में 71 विधायकों को 59,915 रू. कीमत का लैपटाॅप 1,800 रूपये की कीमत का बैग तथा 4,429 की कीमत का वेब कैमरा टैक्स सहित 49,26,385 रू. खर्च करके उपलब्ध कराये गये। 2014 में 59,390 रू. की कीमत के 3 लैपटाॅप टैक्स सहित 18,7,078 खर्च करके 4,965 कीमत के 3 प्रिंटर 14,895 रूपये खर्च करके उपलब्ध कराये गये। साल 2017 में 71 विधायकों को 64625.42 की कीमत के लैपटाॅप टैक्स सहित 54,14,917.88 खर्च करके तथा 8,250 रू. कीमत के प्रिंटर टैक्स सहित 6,91,185 रू. खर्च करके उपलब्ध कराये गये। नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार पंचम विधानसभा (2022) के माननीय सदस्यों को लैपटाॅप एवं प्रिंटर उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक विधायक के खाते में रू. 1,39,000 स्थानांतरित कर दिये गये है। इस प्रकार 71 विधायकों के खाते में लैपटाॅप हेतु हस्तांतरित धनराशि 98 लाख 69 हजार रुपए है।
कुल मिलाकर विधानसभा का सत्र भले ही हंगामे और आरोप प्रत्यारोप की भेंट चढ़े या विधायक कोई प्रस्ताव तक विधानसभा में न रख पाएं, लेकिन विधायकों की सहूलियत पर खर्चा बदस्तूर जारी है। वह भी कर्ज में डूबे उत्तराखंड में।