पप्पू यादव को पटना कोर्ट से मिली जमानत लेकिन 32 साल पुराने मामले में अब भी रहेंगे जेल में बंद

32 साल पहले मधेपुरा के उदाकिशुनगंज के कुमार खंड थाने में 1989 में पप्पू यादव के खिलाफ अपहरण का एक मामला दर्ज किया गया था...

Update: 2021-07-20 09:51 GMT

(प्रशासन ने पप्पू यादव पर बिना अनुमति के प्रदर्शन करने और सरकारी काम में बाधा डालने की प्राथमिकी गर्दनीबाग थाने में दर्ज कराई थी)

जनज्वार। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव को मंगलवार को पटना कोर्ट से जमानत मिल गई है। उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और बिना अनुमति के प्रदर्शन का मामला है। हालांकि पप्पू यादव को 32 साल पुराने अपहरण के मामले में जमानत नहीं मिली है, इसलिए उन्हें अभी भी जेल में ही रहना होगा।

पटना के सब जज-14 अमलेश कुमार सिंह ने आज मंगलवार को बिना अनुमित प्रदर्शन करने के मामले में जमानत देते हुए पप्पू यादव को हिदायत भी दी। कोर्ट ने कहा कि आगे से ऐसा काम नहीं करें। सरकारी नियमों का पालन करना जरूरी है।

कोर्ट में पप्पू यादव के वकील पांडे संजय सहाय ने कहा कि प्रशासन ने पप्पू यादव पर बिना अनुमति के प्रदर्शन करने और सरकारी काम में बाधा डालने की प्राथमिकी गर्दनीबाग थाने में दर्ज कराई थी। इस मामले में पप्पू यादव ने पटना कोर्ट से बेल देने की गुहार लगाई थी।

बता दें कि 32 साल पहले मधेपुरा के उदाकिशुनगंज के कुमार खंड थाने में 1989 में पप्पू यादव के खिलाफ अपहरण का एक मामला दर्ज किया गया था। पप्पू यादव पर अपने साथियों के साथ मिलकर दो युवकों रामकुमार यादव और उमा यादव के अपहरण का आरोप लगाया गया था। दोनों युवकों का मुरलीगंज थाना के मिडिल चौक से कथित तौर पर अपहरण किया गया था।

शैलेन्द्र यादव ने पप्पू यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, कुछ दिनों के बाद अपहृत दोनों युवक सकुशल वापस लौट गए थे। इसी मामले में पप्पू यादव की तीन महीने बाद गिरफ्तारी हुई थी। कुछ महीने जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गए थे।

उनके खिलाफ 22 मार्च 2021 को कोर्ट ने वारंट जारी किया था। इसी मामले में पप्पू यादव को 11 मई को पटना से गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में मधेपुरा कोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिली है। अब उनके पास हाईकोर्ट जाने का ही रास्ता है।

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