UP Election 2022 : जयंत चौधरी ने जारी किया घोषणापत्र, 1 करोड़ नौकरियां और सरकारी नौकरी में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण का ऐलान

UP Election 2022: रालोद के घोषणा पत्र में युवा, किसान और आधी आबादी पर फोकस किया गया है।

Update: 2021-10-31 12:15 GMT

UP Election 2022 : लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिये अपने घोषणा पत्र (लोक संकल्प पत्र-2022) की रविवार को घोषणा कर दी। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने लखनऊ के चाराबाग क्षेत्र में स्थित रवींद्रालय हाल में पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। अपने घोषणापत्र को रालोद ने 2022 के 22 संकल्प के तौर पर जनता के बीच जाने की घोषणा की है। रालोद (RLD)  के घोषणा पत्र में युवा, किसान और आधी आबादी पर फोकस किया गया है। वहीं नए कृषि कानून के विरोध विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही साथ कोविड-19 मृतक आश्रित परिजनों को चार लाख की सहायता राशि की भी घोषणा की गयी है।

इस दौरान अपने संबोधन में जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने ​कहाकि, युवाओं को हम 5 सालों में एक करोड़ नौकरी देंगे। कुछ लोगों के मन में यह शंका होगी कि यह होगा कैसे। हम याद दिलाना चाहते है कि योगी सरकार ने 70 लाख की जगह महज साढ़े 4 लाख नौकरी दी गई। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में सवाल उठना तय है। लेकिन, कृषि उत्पाद को बढ़ाया जाए तो यह संभव है।

जयंत चोधरी (Jayant Chaudhary) ने कहाकि, लानत है उन सरकारों पर जो युवाओं को बेरोजगार के लिए भटकाती हैं। बिजली को लेकर नारा दिया कि पुराना बिल माफ और आगे का हाफ। बीजेपी (BJP) को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहाकि, इनके पास कोई मुद्दा नहीं है। ये सड़क पर नमाज पढ़ाने, जिन्ना पर चर्चा करेंगे। रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार के सवाल पर यह बचते हैं। किसानों के लिए कुछ नहीं किया है। गन्ना, आलू किसान सब परेशान हैं। अब उनको एहसास हुआ है कि चुनाव जीतना है तो किसान के लिए कुछ करना है तो कुछ घोषणा कर रहे हैं। लेकिन, हम उनसे ज्यादा करेंगे। हर व्यक्ति हमारे घोषणा पत्र को देखे, चर्चा करें। जरूरत पड़ी तो उसमें भी सुधार करेंगे।

रालोद के 22 संकल्प

प्रदेश के युवाओं को निजी और सरकारी क्षेत्र में 1 करोड़ नौकरियां।

नए कृषि कानून के विरोध विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेंगे।

किसानों को मिलेगा आलू का डेढ़ गुना दाम।

गन्ना किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम 14 दिन में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

चौधरी चरण सिंह कृषक सम्मान योजना किसानों का सम्मान।

किसानों के लिए प्रभावी बीमा योजना, किसान और बुनकरों के बिजली का पुराना बिल होगा माफ, आगे भी होगा हाफ।

मनरेगा योजना के अनुसार मजदूरी दर को बढ़ाकर 320 रुपए किया जाएगा।

कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए मिलेंगे।

केंद्र सरकार की तर्ज पर किसानों को 6 हजार रुपए सालाना दिए जाएंगे। इस तरह किसानों को कुल 12 हजार रुपए प्रति साल मिलेंगे। जबकि असिंचित भूमि वाले किसानों को प्रति वर्ष 15 हजार रुपए दिए जाएंगे।

तीन गुना बढ़ाई जाएगी वृद्धा पेंशन की राशि,इसके अलावा वृद्धावस्था, विकलांगता और वृद्धावस्था विधवा पेंशन को भी तीन गुना बढ़ाया जाएगा। सशक्त महिला सक्षम, भर्तियों में 50% आरक्षण

पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना की जाएगी।

पुलिस नौकरियों के लिए आवेदन की आयु सीमा 28 साल तक बढ़ाई जाएगी।

कांशीराम शहरी श्रम कल्याण योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों और कारीगरों को आर्थिक सहायता।

उच्च शिक्षा हासिल करने वाले और टॉप 100 यूनिवर्सिटी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाने वाले पिछड़े और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के छात्रों को छात्रवृति।

प्रति ग्राम पंचायत में एक स्वास्थ्य मित्र की नियुक्ति, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले भत्ते में वृद्धि।

सभी प्रमुख शहरों के लिए 15 वर्षीय इंट्रा-सिटी प्लान तैयार होगा। 2030 तक सभी राज्य बसों को ई-बस में कन्वर्ट किया जाएगा।

कृषि, पशुपालन और डेयरी के लिए अलग बजट की व्यवस्था।

नई खेल नीति तैयार की जाएगी। अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीतने के लिए आक्रामक लक्ष्य और रणनीति तैयार होगी।

100 स्टार्ट अप, वैज्ञानिकों को सालाना एक करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। साल 2030 तक सभी सरकारी स्कूलों को कंप्यूटर लैब और इंटरनेट से लैस किया जाएगा।

मुकदमेबाजी को कम करने के लिए 5 सदस्यीय आयोग का गठन।

सेना, अर्द्ध-सैनिक बल, पुलिस और अग्निशमन विभाग के शहीदों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपए मिलेंगे।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण सर्वोदय योजना पिछड़ों को मिलेगी छात्रवृत्ति।

2017 के विधानसभा चुनाव में रालोद का निराशाजनक प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में राष्ट्रीय लोकदल अपनी मजबूत पकड़ होने का दावा करती रही है।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2017 में चौधरी अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। चुनाव से पहले इसी दावे के साथ पार्टी ने यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से 284 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन पार्टी महज़ एक, ज़िला बागपत की छपरौली विधानसभा सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी। समूचे पश्चिमी उत्तरप्रदेश को छोड़ भी दें, तो ख़ास 'जाटलैंड' कही जाने वाली बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली और बुढाना जैसी सीटों पर भी राष्ट्रीय लोकदल को सफलता नहीं मिली थी।

वरिष्ठ पत्रकार राजेश माहेश्वरी के मुताबिक, रालोद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद अब पार्टी की कमान जयंत चौधरी के हाथों में है। इस बार पार्टी विधानसभा चुनाव में जयंत चौधरी के नेतृत्व में उतर रही है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के नतीजे जयंत चौधरी के राजनीतिक कद और रालोद का भी भविष्य तय करने वाले होंगे। 

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