कर्नाटक सरकार की हाईकोर्ट में दलील, अनुच्छेद-19 के तहत हिजाब को प्रतिबंधित किया जा सकता है

Hijab controversy Karnataka : AG ने कहा कि सरकार ने हिजाब पर बैन नहीं लगाया है। सिर्फ तय यूनिफॉर्म पहनने को कहा है।

Update: 2022-02-22 10:46 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट : तलाक की याचिका वापस लेने के बाद भी पति से गुजारा भत्ता पाना पत्नी का अधिकार

Hijab controversy Karnataka : कर्नाटक में हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई जारी है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार ( Karnataka Government ) की ओर से एडवोकेट जनरल ने कहा कि आर्टिकल-19 के तहत हिजाब ( Hijab ) पहनने के अधिकार की स्वतंत्रता को आर्टिकल 19(2) के तहत प्रतिबंधित किया जा सकता है। सरकार की ओर से एजी प्रभुलिंग नवदगी ( AG Prabhuling Navadgi ) ने इसके पक्ष में मोहम्मद हनीफ कुरैशी केस का हवाला भी दिया।

एजी ने कहा कि सरकार के पास कर्नाटक शैक्षणिक संस्थानों के रूप में एक कानून है। वर्गीकरण और पंजीकरण नियम 11 हिजाब को प्रतिबंधित करने की इजाजत देता है। AG प्रभुलिंग नवदगी ने पूछा कि क्या वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर प्रतिबंध किसी धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप करता है। क्या एक गाय के बलिदान को इस्लाम में स्वीकार किया गया है। इस बारे में हमारे पास बेहद कम जानकारी मौजूद है।

हिजाब संविधान के लोकाचार के खिलाफ

एजी ने अदालत को बताया कि मानव गरिमा में स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार में शामिल है। इसमें पहनने या न पहनने का विकल्प शामिल भी है। याचिकाकर्ता का पूरा दावा मजबूरी बनाने का है, जो संविधान के लोकाचार के खिलाफ है। इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता। इसे संबंधित महिलाओं की पसंद नापसंद पर छोड़ देना चाहिए।

कर्नाटक में हिजाब पर बैन नहीं

इससे पहले सोमवार कर्नाटक हाईकोर्ट ( Karnataka High court ) से एडवोकेट जनरल ने पूछा कि क्या संस्थानों में हिजाब ( Hijab ) की इजाजत दी सकती है या नहीं। इस पर एजी ने जवाब दिया कि सरकार का आदेश इस संबंध में निर्णय लेने की जिम्मेदारी संस्थानों पर छोड़ देता है। AG ने कहा कि सरकार ने हिजाब पर बैन नहीं लगाया है। सिर्फ तय यूनिफॉर्म ( Dress code ) पहनने को कहा है।

शिक्षण संस्थानों को है ड्रेस कोड तय करने की आजादी

एडवोकेट जनरल ( AG Prabhuling Navadgi ) ने कोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ताओं ने स्कूल और कॉलेज में हिजाब ( Hijab ) पहनने की अनुमति मांगी है। याची का कहना है कि इस्लाम धर्म का पालन करने वाली प्रत्येक महिला को हिजाब पहनना जरूरी है। हिजाब का समर्थन करने वाले लोग चाहते हैं कि हर मुस्लिम महिला को अपने काबू में रखें। AG ने ये भी कहा कि सरकार का आदेश संस्थानों को ड्रेस तय करने की आजादी देता है। कर्नाटक शिक्षा अधिनियम की प्रस्तावना ( Karnataka Education Act ) धर्मनिरपेक्ष वातावरण को बढ़ावा देना है। उनका कहना है कि राज्य का रुख यह है कि किसी को धार्मिक पहचान वाले कपड़े स्कूल में नहीं पहनना चाहिए। 

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