Kawardha violence : BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह के बेटे की रैली में लगे भड़काऊ नारे, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

Kawardha violence : ट्वीटर पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में एक रैली की अगुवाई करते पूर्व सांसद अभिषेक सिंह नजर आ रहे हैं, जिसमें दंगे भड़काने वाली नारेबाजी की जा रही है....

Update: 2021-10-09 16:10 GMT

कवर्धा हिंसा मामले में ट्वीटर पर दंगा भड़काने वाला वीडियो वायरल होने के बाद रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह आरोपों के घेरे में (photo : social media)

 Kawardha violence news, जनज्वार। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कवर्धा शहर में झंडे को लेकर हुई हिंसा ने सोशल मीडिया (social Media) पर एक वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। इस वीडियो में साफ सुनायी दे रहा है कि कैसे रैली में दंगे भड़काने वाले नारे लगाये जा रहे हैं, और मुस्लिमों के खिलाफ हिंदू जनता को भड़काया जा रहा है।

गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को कवर्धा शहर के वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगाने को लेकर विवाद हुआ था। कुछ युवकों ने अपना झंडा चौराहे पर लगा दिया, जिसके बाद दो गुट आपस में भिड़ गये और लाठी-डंडों से एक दूसरे को पीटा। 3 अक्टूबर को हुए विवाद के बाद कुछ हिंदू संगठनों ने मंगलवार 5 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन किया, जो हिंसक हो गया और इसमें कई बाइकों को आग लगा दी गई और मुस्लिम संप्रदाय के घरों को आग के हवाले किया गया। इस दौरान पत्थरबाजी भी की जाने की खबरें सामने आयी। इस मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है, क्योंकि उसकी आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही। इस मारपीट में 8 लोग घायल हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया।

इस हिंसा के बाद हुई जांच में भाजपा नेताओं का नाम सामने आया है। भाजपा सांसद संतोष पांडेय, पूर्व CM डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह समेत 14 भाजपा नेताओं पर अशांति फैलाने के आरोप में FIR दर्ज की है। इन पर बलवा करने साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कल 8 अक्टूबर से इस घटना पर एक बार फिर से तेज बहस छिड़ गयी है। ट्वीटर पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में एक रैली की अगुवाई करते पूर्व सांसद अभिषेक सिंह नजर आ रहे हैं, जिसमें दंगे भड़काने वाली नारेबाजी की जा रही है। वीडियो का ऑडियो सुनने पर मुस्लिमों के खिलाफ भीड़ को भड़काने वाले नारे लगाते हुए सुनायी दे रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक 5 अक्टूबर को हिंसक भीड़ ने कई घरों पर हमला किया था और धर्मस्थलों को घेर कर नारेबाजी की थी। शहर में हुई हिंसा के बाद ज़िला मुख्यालय में कर्फ़्यू लागू कर दिया गया था और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। हिंसा के कई वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस को शहर में हुई हिंसा के वीडियो को सार्वजनिक करने और उनमें नज़र आने वाले लोगों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

कवर्धा शहर में 5 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने 3 अलग-अलग FIR दर्ज की थी, जिसमें भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल है। सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष ठाकुर, VHP जिला प्रमुख नंदलाल चंद्राकर सहित कैलाश चंद्रवंशी, राजेंद्र चंद्रवंशी, पन्ना चंद्रवंशी, उमंग पांडेय, राहुल चौरसिया, भुनेश्वर चंद्राकर समेत कई अन्य वरिष्ठ भी हिंसा के लिए आरोपी ठहराये गये हैं।

हिंसा वाले दिन जिस रैली की अगुवाई रमन सिंह के सुपुत्र अभिषेक सिंह कर रहे हैं उसमें लग रहे दंगे भड़काने वाले नारों का वीडियो वायरल होने के बाद इस विवाद में उनकी भूमिका पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।वहीं अब अपनी सफाई में अभिषेक सिंह मीडिया से कह रहे हैं कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है

स्थानीय पुलिस का इस मामले में बयान आया है कि 3 अक्टूबर से लेकर अब तक 5 अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 93 लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है। इन सबके ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 153(क), 188, 295, 332, 353, 109 और लोक संपत्ति की क्षति की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक 3 अक्टूबर को कबीरधाम के ज़िला मुख्यालय के लोहारा नाका चौक पर बिजली के खंबे पर एक झंडा लगाने और फिर उसे उतारने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी। झंडा लगाने वाले युवक के साथ भी मारपीट की गई, जिसके बाद इस घटना ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना के बाद हिंसा की आशंका को भांपते हुए 5 अक्टूबर को कबीरधाम बंद रखने की घोषणा कर धारा 144 लागू कीगयी थी, मगर भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने भारी संख्या में भीड़ के साथ एक बड़ी रैली निकाली। भीड़ मांग कर रही थी कि जिन लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें गिरफ़्तार किया जाए।

हिंसक भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया। बकौल पुलिस कबीरधाम ज़िले में सुनियोजित तरीक़े से भीड़ को भड़काने की कोशिश की गई थी। बंद की रैली के लिए कई पड़ोसी ज़िलों से लोग को शहर पहुँचे थे और उन्होंने जगह-जगह तोड़फोड़ और आगज़नी की। हिंसक और बेक़ाबू भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया, इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और शहर में कर्फ़्यू लागू करना पड़ा था।

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