Kisan Mahapanchayat : राकेश टिकैत ने CAA वापसी की मांग पर ओवेसी-मोदी को बताया चाचा-भतीजा
Kisan Mahapanchayat : किसान महापंचायत में भाषण देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी को "चाचा-भतीजा" का एक गठबंधन बताया है।
Kisan Mahapanchayat : प्रधानमंत्री मोदी सरकार के कृषि कानूनों वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन मैदान में शुरू हो गई है। 40 किसान संगठनों की महापंचायत में आगे की रणनीति तय की जाएगी। किसान महापंचायत में भाषण देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी को "चाचा-भतीजा" का एक गठबंधन बताया है। बता दें कि भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (CAA) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) को निरस्त करने की मांग पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
राकेश टिकैत ने कहा कि 'ओवैसी और भाजपा 'चाचा-भतीजा' का एक बंधन साझा करते हैं। उन्हें इस बारे में टीवी पर बात नहीं करनी चाहिए। वह सीधे पूछ सकते हैं।'
असदुद्दीन ओवैसी की चेतवानी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार 21 नवंबर को चेतावनी दी कि अगर सरकार NPR (नेशनल पापुलेशन रजिस्टर) और NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स) कानून लाएगी तो हम एक और नया 'शाहीन बाग' खड़ा कर देंगे। गौरतलब है कि CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में एक लंबा विरोध प्रदर्शन चला था, हजारों लोग धरने पर बैठे थे, जो कोरोना स्थिति पैदा होने के बाद वहां से हटे थे।
सीएए रद्द करने की अपील
यूपी के बाराबंकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने दूसरा शाहीन बाग खड़ा करने की चेतावनी दी है। ओवैसी ने कहा कि, 'अगर वह एनपीआर, एनआरसी कानून बनाएंगे, तो हम सड़कों पर उतरेंगे और एक और शाहीन बाग सामने आएगा।' हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से CAA वापस लेने की अपील भी की। उन्होंने कहा, 'मैं पीएम मोदी और बीजेपी से कृषि कानूनों की तरह CAA भी रद्द करने की अपील करता हूं क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है।'
शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन
बता दें कि दिल्ली का शाहीनबाग सीएए और एनआरसी के विरोध का केंद्र रहा। शाहीन बाग वह विरोध स्थल है जहां सीएए के खिलाफ आंदोलन के लिए सैकड़ों महिलाओं ने कई महीनों तक डेरा डाला था। दिल्ली पुलिस ने 2020 की शुरुआत में कोविड -19 महामारी के कारण लॉकडाउन के इस जगह को खाली करा दिया था।
उन्होंने कहा, "तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी 'तपस्या' में कुछ कमी थी। यह बताता है कि हमारे प्रधानमंत्री कितने बड़े अभिनेता हैं।" ओवैसी ने कहा कि असली तपस्या किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन में की थी, जिसके दौरान उनमें से लगभग 750 की मौत हो गई थी।