मोदी सरकार में किसानों से भयंकर लूट, किसान से 9 रुपए का खरीदा मक्का अंबानी बेच रहे 112 रुपए किलो

संजय सिंह ने कहा, चिंता मत कीजिये मोदी जी ने कृषि बिल में जमाख़ोरी, काला बाज़ारी और महँगाई बढ़ाने का पूरा इंतज़ाम कर रखा है अभी तो सिर्फ़ दाल महँगी हुई है थोड़ा इंतज़ार कीजिये...

Update: 2020-09-25 03:45 GMT

जनज्वार। किसान बिल के विरोध में आप सांसद संजय सिंह ने मोर्चा लिया हुआ है। वो कुछ अन्य 8 सांसदों के साथ इसके विरोध में संसद के आगे धरने पर बैठे हैं।

इसी दौरान संजय सिंह ने एक ट्वीट और बिल शेयर करते हुए ट्वीट किया है जो किसानों को फसल की मिल रही कुल कीमत और पूंजीपतियों तक पहुंचते—पहुंचते किस दाम में आसमान छूने लगती है, इसका अंतर बताया है। जो मक्का किसान मुश्किल से 10 रुपये किलो भी नहीं बेच पाते वह अंबानी की दुकान रिलायंस स्टोर में पहुंचकर 112 किलो बेचा जाता है, जबकि उसे उगाने वाले को लागत तक नसीब नहीं हो पाती। 

मोदी सरकार में किसानों से किस तरह लूट हो रही है, इसे बताते हुए संजय सिंह ने एक ट्वीट कर फोटो शेयर की है और लिखा है, 'जो मक्का बिहार के किसान से 9 रुपये किलो में ख़रीदा जाता है वो अम्बानी की दुकान में छूट के बाद 112 रु किलो में बेचा जाता है प्यारे भक्तो अब समझ में आई "क्रोनोलोजी"

इससे पहले अपने एक अन्य ट्वीट में किसानों की दुर्दशा के बारे में संजय सिंह लिखते हैं, 'मक्के का लागत मूल्य-1200 रुपए, घोषित समर्थन मूल्य-1850 रुपए, लेकिन बिहार(खगड़िया) के एक किसान ने मुझे बताया के किसानों को मजबूरन अपना मक्का 900 रुपए क्विंटल में बेचना पड़ रहा है। मोदी जी और भाजपाइयों से मेरा विनम्र सवाल- अम्बानी के मॉल में मक्के की कीमत क्या है? जरा देश को बताए।'

मोदी सरकार पर सोशल मीडिया पर जमकर बरस रहे संजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में दाल महंगी होने का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है, 'चिंता मत कीजिये मोदी जी ने कृषि बिल में जमाख़ोरी, काला बाज़ारी और महँगाई बढ़ाने का पूरा इंतज़ाम कर रखा है अभी तो सिर्फ़ दाल महँगी हुई है थोड़ा इंतज़ार कीजिये।'

उससे पहले जब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश संसद परिसर में धरना पर बैठे आठ सांसदों के लिए चाय और नाश्ता लेकर पहुंचे तो उन्होंने चाय लेने इंकार कर दिया। इस पर निशाना साधते हुए संजय सिंह ने ट्वीट किया, " मोदी जी, हम अपनी चाय के लिए नहीं लड़ रहे. हम अपने किसानों के निवाले के लिए लड़ रहे हैं, जो आपने छीना है। मेरी आपसे विनम्र विनती है - मैं आपकी चाय पूरे आदर के साथ लौटा रहा हूं, आप कृपया मेरे किसानों का निवाला लौटा दीजिए।"

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