जानिए कौन हैं जफर इस्लाम, जिन्होंने एमपी में कांग्रेस हुकूमत का तख्ता पलटने में अदा किया था अहम किरदार
ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से भाजपा में लाने के पीछे जफर इस्लाम का ही हाथ था। उन्होंने बहुत ही खामोशी के साथ ऑपरेशन लोट्स को अंजाम दिया था।
नई दिल्ली। जफर इस्लाम ( Zafar Islam ) भाजपा ( BJP ) के लिए खास हैं। एमपी में भाजपा की हुकूमत वापस लाने और कांग्रेस ( Congress ) हुकूमत का तख्ता पलटने में इन्होंने ही अहम किरदार अदा किया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) को कांग्रेस से भाजपा में लाने के पीछे उन्हीं का हाथ था। उन्होंने बहुत ही खामोशी के साथ ऑपरेशन लोट्स को अंजाम दिया था।
वर्तमान में जफर इस्लाम ( Zafar Islam ) बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के उदारवादी मुस्लिम चेहरा हैं। भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने से पहले जफर ( BJP ) इस्लाम विदेशी बैंक में इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर काम करते थे। खास बात यह भी है कि सिंधिया राजघराने के चश्मोचिराग ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) राजनीति में आने से पहले मॉर्गन स्टेनली में एक इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम करते थे। यही बात सालों बाद उनके भाजपा ( BJP ) में शामिल होने में कड़ी साबित हुई, जिसके सूत्रधार जफर इस्लाम बने। दरअसल, दोनों ही नेताओं के एक आपसी मित्र के माध्यम से यह पटकथा लिखी थी।
दो साल पहले लुटियन दिल्ली के कई होटलों में खाने की मेज पर हुई जफर ( Zafar Islam ), सिंधिया और उनके एक मित्र की मुलाकातों ने इस पटकथा की नींव रखी थी। उस मित्र के माध्यम से ही मुलाकातों को दौर बढ़ा। इसी दौरान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में शुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की रूपरेखा तय हुई।
इसी क्रम में करीब दो महीने पहले 49 वर्षीय सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) की गृहमंत्री अमित शाह से पहली मुलाकात हुई, तब शाह ही पार्टी अध्यक्ष हुआ करते थे। यह केवल एक सामान्य मुलाकात भर नहीं थी, इसके बाद सिंधिया और शाह के बीच करीब आधा दर्जन मुलाकातें और हुईं।
इस दौरान जफर ( Zafar Islam ) लगातार सिंधिया और अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच किसी सेतु की तरह काम कर रहे थे। वहीं भाजपा भी जफर और उनकी निर्णय क्षमता पर यकीन करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। इसी घटनाक्रम के बाद सिंधिया ने ऐन होली पर्व वाले दिन कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर उसका दामन छोड़ दिया। होली के दिन ही सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की जयंती भी थी और ज्योतिरादित्य इस मौके पर ग्वालियर जाने वाले थे। परंतु वह लोधी होटल गए और जफर से मिलकर चाय पर चर्चा की। इसके बाद दोनों नेता होटल से कौटिल्य मार्ग स्थित गुजरात भवन पहुंचे। गुजरात भवन से गृहमंत्री अमित शाह की कार में बैठकर तीनों नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे।
मुलाकात के बाद जफर ( Zafar Islam ) और सिंधिया दोनों को ही वापस गुजरात भवन लाकर छोड़ दिया गया। इस घटनाक्रम से बंगलूरू में ठहरे मध्य प्रदेश के सिंधिया के समर्थक विधायकों को मौके और सियासत की नजाकत भांपने में देर नहीं लगी। हालांकि जब सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली तो इस बात ने कांग्रेस पार्टी ही नहीं और भी कई लोगों को चौंका दिया।
आखिरकार उन्होंने इस तरह से परिवर्तन और एक 'निवेश की कहानी' लिख डाली। हालांकि इसी के साथ कांग्रेस का सिंधिया राजघराने से राजनैतिक संबंध भी खत्म हो गए। बहरहाल, सिंधिया के पार्टी परिवर्तन में एक व्यक्ति जिनकी सबसे बड़ी भूमिका रही वह जफर इस्लाम ही हैं।
जानें कौन हैं जफर इस्लाम
जफर इस्लाम भाजपा के प्रवक्ता और मीडिया के लिए जाना-माना चेहरा हैं। उन्होंने सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने को लेकर सभी प्रक्रियाओं को सुगम बनाया। राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम किया करते थे। जफर इस्लाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए। बाद में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता पद का प्रभार भी सौंपा गया।
जफर इस्लाम स्वभाव से मृदुभाषी हैं और उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी अच्छा संबंध बताया जाता है जफर इस्लाम का सिंधिया के साथ अच्छे संबंध हैं। वे अक्सर मिला करते हैं। इसलिए सिंधिया को भाजपा में लाने की जिम्मेदारी जफर इस्लाम को सौंपी गई।
बता दें कि भाजपा के संसद पहुंचने वाले जफर इस्लाम सातवें मुस्लिम सांसद बन गए हैं। जफर इस्लाम से पहले मुख्तार अब्बास नकवी (लोकसभा-राज्यसभा), शहनवाज हुसैन (लोकसभा), सिकंदर बख्त (राज्यसभा), आरिफ बेग (लोकसभा), एमजे अकबर (राज्यसभा) और नजमा हेपतुल्ला (राज्यसभा) भाजपा के मुस्लिम सांसद रह चुके हैं।