कुमार विश्वास का अब तक का सबसे बड़ा आरोप, खालिस्तानियों के समर्थक हैं अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस का AAP पर हमला

Kumar Vishwas On Arvind Kejriwal: कुमार विश्वास ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर अब तक सबसे बड़ा आरोप लगाते हुए उन्हें खालिस्तानियों का समर्थक करार दिया है।

Update: 2022-02-16 11:07 GMT

Kumar Vishwas On Arvind Kejriwal : पंजाब विधानसभा को लेकर जारी चुनावी घमासान के बीच आम आदमी पार्टी ( AAP ) के पूर्व नेता और युवा कवि कुमार विश्वास ( Kumar Vishwas ) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) पर अब तक का सबसे बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल को पंजाब ( Punjab ) में अलगावादियों का समर्थक ( Separatist supporter ) करार दिया है। इस बात का खुलासा उन्होंने एएनआई से बातचीत में किया है।

बातचीत में कुमार विश्वास ने कहा कि पंजाब एक राज्य नहीं बल्कि वह एक भावना है, पूरी दुनिया में पंजाबियत एक भावना है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में केजरीवाल को उन्होंने कहा था कि अलगाववादी ताकतों का साथ न लें, उस वक्त उन्होंने कहा था कि हो जाएगा। विश्वास ने आगे कहा कि केजरीवाल ने बहुत चौंकाने वाली बात कही थी कि एक दिन मैं स्वतंत्र सूबे का मुख्यमंत्री बनूंगा।

तो क्या हुआ, बनूंगा स्वतंत्र देश का पीएम

बकौल ​कुमार विश्वास ( Kumar Vishwas ), मैंने अरविंद केजरीवाल से कहा था कि ये अलगाववाद है। 20-20 का रेफरेंडम आ रहा है। पूरी दुनिया फंडिंग कर रही है। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि तो क्या हुआ स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) की सोच में ये है कि किसी भी कीमत पर सत्ता मिले।

कांग्रेस का हमला - क्या केजरीवाल अलगाववाद के समर्थक हैं?

युवा कवि व आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास की ओर से अरविंद केजरीवाल पर यह आरोप लगने के बाद कांग्रेस ने इसे लपक लिया है। कांग्रेस ( Congress ) प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब के भाई-बहनों जागो, AAP के संस्थापक कुमार विश्वास की सुनें। क्या केजरीवाल अलगाववादियों के साथ खड़े हैं? क्या केजरीवाल देश में अलगाववाद का समर्थन कर आजाद देश के मुखिया बनना चाहते हैं? क्या पंजाब में दिल्ली की कठपुतली बिठाएंगे?

कभी एक साथ मंच शेयर किया करते थे विश्वास और केजरीवाल

बता दें कि भ्रष्टाचार को लेकर अन्ना हजारे के आंदोलन से लेकर दिल्ली में सरकार बनाने और उसके बाद लंबे अरसे तक अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास एक साथ थे। कुमार विश्वास आम आदमी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। दिल्ली में आप की सरकार बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है। लेकिन बाद में दोनों के बीच पहले मतभेद हुए और अविश्वास का दायरा बढ़ने से कुमार विश्वास आप से इस्तीफा देकर अलग हो गए। उसके बाद से दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है।

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