Lakhimpur Kheri : कांग्रेस नेताओं के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने का आग्रह

Lakhimpur Kheri : राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दिनदहाड़े जानबूझकर किए गए इस कृत्य ने अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए काम करने वालों में लोगों के विश्वास को पूरी तरह से मिटा दिया है।

Update: 2021-10-13 09:18 GMT

(लखीमपुर खीरी हिंसा : कांग्रेस नेताओं राष्ट्रपति से की मुलाकात)

Lakhimpur Kheri। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) और हत्या को लेकर कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से मुलाकात की और उनसे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने आग्रह किया। अजय मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र लखीमपुर हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी हैं। कांग्रेस नेताओं ने मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), एके एंटनी (AK Antony), गुलाम नबीं आजाद (Ghulam Nabi Azad) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने राष्ट्रपति से कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों (Farmers) की अक्षम्य और बेरहम हत्या ने भारत की आत्मा को जख्मी कर दिया है।

राष्ट्रपति को सौंपे गए एक ज्ञापन में उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े जानबूझकर किए गए इस कृत्य ने अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए काम करने वालों में लोगों के विश्वास को पूरी तरह से मिटा दिया है।

सितंबर 2020 में पारित किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Controversial Agriculture Laws) के खिलाफ दिल्ली के बाहरी इलाकों जारी विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति से कहा कि मोदी सरकार ने उनके साथ एक सार्थक बातचीत करने से इनकार कर दिया है। उनकी नीति अन्नदाता को टायर और रिटायर करने की प्रतीत होती है।

ज्ञापन में कहा गया है कि 27 सितंबर 2021 को 2021 को तीन काले कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दिन गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने एक सार्वजनिक समारोह में आंदोलनकारी किसानों को खुलेआम धमकी दी थी और अपने संदिग्ध पूर्वजों की शेखी भी बघारी थी। उनके भाषण के वीडियो पब्लिक डोमेन (Public Domain) में उपलब्ध हैं। जब उकसावे की बात खुद गृहराज्य मंत्री ने की तो न्याय कैसे हो सकता है?

ज्ञापन में आगे कहा गया, 'इसके बाद 3 अक्टूबर को जब किसानों ने अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया तो वाहनों के एक काफिले (जिसमें मंत्री अजय मिश्र और उनके परिवार के स्वामित्व वाली दो कारें थीं) ने पीछे से चार किसानों (Farmers) और एक पत्रकार को कुचल दिया। यह एक विभत्स पूर्व नियोजित कृत्यों में से एक था जिसे कैमरे में भी कैद किया गया। कई चश्मदीदों ने भी कहा है कि वाहन में मंत्री का बेटा आशीष मिश्र भी बैठा था।'    

ज्ञापन में कहा गया है, जैसा कि एक नॉर्म बन गया है, उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार किया और फिर आरोपी को गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया।  

इससे पहले मंगलवार 12 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait), आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary), विभिन्न राज्यों के किसान और बड़ी संख्या में लोग तिकुनिया में चार किसानों और एक पत्रकार को श्रद्धांजलि देने के लिए अंतिम 'अरदास कार्यक्रम' में शामिल हुए थे।  

प्रियंका गांधी ने कल पत्रकारों से कहा था कि आज मैं अंतिम अरदास की सभा में आई हूं, इसलिए कुछ बोलूंगी नहीं, हां यह जरूर है कि अंतिम सांस तक किसानों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ूंगी।  

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