Lalu Prasad Yadav CBI Raid : क्या लालू परिवार की नीतीश से करीबी पड़ रही भारी, सीबीआई की रेड के क्या मायने

Lalu Prasad Yadav CBI Raid : आरजेडी विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह ने इशारों में कहा कि भाजपा भयभीत हो गई है, भाजपा को हाल की राजनीतिक मुलाकातों से परेशानी होने लगी है.....

Update: 2022-05-20 07:30 GMT

Lalu Prasad Yadav CBI Raid : क्या लालू परिवार की नीतीश से करीबी पड़ रही भारी, सीबीआई की रेड के क्या मायने

Lalu Prasad Yadav CBI Raid : सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के17 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक यह छापेमारी पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 17 जगहों पर की गई है। टीम ने इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी छापेमारी की। राबड़ी देवी (Rabri Devi) अपने आवास में ही हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने से जुड़ा है, जिसकी जांच के मामले में यह छापेमारी की गई है। हालांकि सीबीआई की इस कार्रवाई के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

आरजेडी विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक है। छापेमारी की टाइमिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में सभी को मालूम है कि सीबीआई (Lalu Prasad Yadav CBI Raid) अपनी मर्जी से एक गिलास भी पानी नहीं पी सकती है। सीबीआई पूरी तरह से केंद्र सरकार का तोता है।

सुनील सिंह ने कहा कि सत्रह साल से आरजेडी सत्ता से बाहर है। इसके बाद भी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। पिछले कुछ सालों में तेजस्वी यादव की लोकप्रियता जिस रूप में बढ़ी है उससे बीजेपी के मन में डर समा गया है कि कहीं आरजेडी सरकार न बना ले। उन्होंने इशारों में कहा कि भाजपा भयभीत हो गई है। भाजपा को हाल की राजनीतिक मुलाकातों से परेशानी होने लगी है। यह कार्रवाई भाजपा के उसी घबराहट का नतीजा है।

आरजेडी विधायक मुकेश रोशन भी अपने समर्थकों के साथ राबड़ी देवी के आवास के बाहर सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लालू यादव को परेशान करने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग (Lalu Prasad Yadav CBI Raid) कर रही है। बिहार की जनता सबकुछ समझ रही है।

सीबीआई की कार्रवाई को लेकर आरजेडी नेताओं की ओर सवाल उठने लगे हैं। इसके साथ ही बिहार की राजनीतिक गलियों में चर्चा शुरू हो गई है कि लालू प्रसादव यादव के परिवार की नीतीश कुमार से नजदीकी से भाजपा घबरा गई है।

बता दें कि बीते कुछ महीनों ऐसे कई मौके आए हैं जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक सुर में दिखे। जातीय जनगणना पर दोनों नेताओं की एक जैसी ही राय है। इसको लेकर दोनों नेताओं मुलाकात भी हो चुकी है। धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के मामले पर जेडीयू और आरजेडी ने एक सुर में विरोध किया।

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