धर्म संसद के जवाब में हरिद्वार में जमा हुए मुस्लिम संगठनों के लोग, तौकीर रजा ने की शांति के लिए मरने को तैयार रहने की अपील की

हरिद्वार में धर्म संसद में दिए गए भड़काव भाषणों के लिए मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है। मुस्लिम संगठनों ने शांति के लिए सभी से बलिदान देने के लिए तैयार रहने की अपील की है।

Update: 2022-01-07 07:46 GMT

धर्म संसद के विरोध में हरिद्वार में बड़ी संख्या में जमा हुए मुस्लिम संगठनों के लोग, तौकीर रजा ने की शांति के लिए मरने को तैयार रहने की अपील।

नई दिल्ली। हरिद्वार धर्म संसद ( Haridwar Dharam Sansad ) में दिए गए भड़काव भाषण के विरोध में आज मुस्लिम संगठनों (  Muslim organization ) से लोग बड़ी संख्या में जमा होकर एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे हैं। मुस्लिम संगठनों ने कहा है कि हम शांति के लिए मरने को भी तैयार हैं। मुस्लिम संगठन इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद ( Ittehad e Millat Council ) के संस्थापक व मुस्लिम उलेमा तौकीर रजा खान (Tauqeer Raza Khan ) ने उत्तर प्रदेश के मुसलमानों से आह्वान किया था कि वे शुक्रवार को सामूहिक बलिदान के लिए बड़ी संख्या में मैदान में इकट्ठा हों।

उलेमा दिखाते हैं शांति और भाईचारे का मार्ग

मुस्लिम संगठन इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद (  Ittehad e Millat Council ) के संस्थापक व मुस्लिम उलेमा तौकीर रजा खान (Tauqeer Raza Khan )  ने कहा कि मुस्लिम समुदाय ने पहले भी इसी तरह की घटनाओं पर आपत्ति जताई थी। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तौकीर रजा खान ने कहा कि हमारे उलेमाओं ने तीन बैठकें की लेकिन हमने इसे कभी अपनी बैठकों को धर्म संसद नहीं कहा। लेकिन हाल ही में संपन्न धर्म संसद में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उसका इस्तेमाल हमारे उलेमा कभी नहीं कर सकते। हमारे उलेमा लोगों को शांति, देशभक्ति और प्रेम का मार्ग दिखाते हैं।

धर्म संसद में संतों भाषण शर्मनाक

हरिद्वार धर्म संसद में दिए गए भड़काऊ भाषण की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि भारत में कुछ लोग 20 करोड़ मुसलमानों को मारना चाहते हैं। हम मरने के लिए तैयार हैं। सरकार मुसलमानों को मारने के लिए अपने लोगों को भेजे। आज 20 हजार मुसलमान आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार हैं। अब भारत में शांति सुनिश्चित करने का मुसलमानों अपने जीवन का बलिदान देंगे।

SIT कर रही है जांच

हाल ही में उत्तराखंड के हरिद्वार में 17 से लेकर 19 दिसंबर 2021 के बीच हिंदुत्ववादी नेताओं और कट्टरपंथियों द्वारा एक धर्म संसद का आयोजन किया था। धर्म संसद में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए थे। अल्पसंख्कयों के नरसंहार तक का भी आह्वान किया गया था। धर्म संसद का वीडियो सामने आने के बाद एक एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है।

10 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR

धर्म संसद में दिए गए भड़काव भाषणों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने शत्रुता को बढ़ावा देने (153A) और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (298) से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दो एफआईआर दर्ज की है। इसमें 10 से अधिक लोगों का नाम शामिल है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने भी मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिम समाज के खिलाफ भड़काऊ बयान देने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए निर्देश देने की मांग की।

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