लोकसभा में राहुल गांधी ने केंद्र पर उठाए सवाल, कहा -सरकार के पास नहीं हैं मृतक किसानों के आंकड़े
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि मेरे पास मृत किसानों के नाम हैं। सरकार को हम पूरी लिस्ट मुहैया कराने के लिए तैयार हैं।
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के नौवें दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पर मृतक किसानों के आंकड़े तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अजीबोगरीब स्थिति है। लोग किसान आंदोलन में मारे जाते हैं, और सरकार कहती है उसके पास आंकड़े नहीं हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि मेरे पास मृत किसानों के नाम हैं। सरकार को हम पूरी लिस्ट मुहैया कराने के लिए तैयार हैं।
बाबा साहेब का सपना अभी अधूरा है
इससे पहले बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्होंने ट्विट कर कहा था कि जब देश में बढ़ता हुआ सामाजिक अन्याय, हिंसा और भेदभाव देखता हूं तो सोचता हूं कि अभी बहुत काम बाक़ी है। बाबा साहेब का सपना अब भी दूर है, लेकिन हम वहां तक ज़रूर पहुंचेंगे।
दर्ज मुकदमों की वापसी पर अड़े किसान नेता
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 नवंबर को कृषि संबंधी तीनों कानून को वापस लेने और एमएसपी ( MSP ) पर कमेटी गठित करने की घोषणा के बाद से माना जा रहा था कि एक साल से अधिक समय से किसानों का चल रहा आंदोलन समाप्त हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आंदोलन अभी जारी है। इस मुद्दे पर आज संयुक्त किसान मोर्चा ( SKM ) की बैठक होने जा रही है। बैठक में यह फैसला होगा कि आंदोलन ( Farmer Protetest ) खत्म होगा या जारी रहेगा। एसकेएम ने अपने बयान में कहा है कि आगे की कार्रवाई पर आज की बैठक में फैसला लिया जाएगा। वहीं भारतीय किसान नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) का कहना है कि हम कहीं नहीं जा रहे हैं, आंदोलन जारी रहेगा।
दरअसल, किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर लगाए गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठन ने कहा है कि एमएसपी पर कानून, बिजली संशोधन बिल की वापसी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी आदि जैसे मुद्दे अनसुलझे हैं। इन पर विचार किए बगैर हम आंदोलन वापस नहीं ले सकते।