Loudspeaker Controversy : एमएनएस नेता संदीप देशपांडे का शिवसेना पर हमला, कहा - 'संजय राउत की मानसिक हालत ठीक नहीं'

Loudspeaker controversy : शिवसेना भूल गई थी कि हम हिंदू हैं। उसे इस बात का अहसास कराना जरूरी है।

Update: 2022-05-01 06:23 GMT

Loudspeaker Controversy : एमएनएस नेता संदीप देशपांडे का शिवसेना पर हमला, कहा - 'संजय राउत की मानसिक हालत ठीक नहीं'

Loudspeaker Controversy : लाउडस्पीकर विवाद के बीच रविवार यानि 1 मई को औरंगाबाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ( MNS ) की बड़ी रैली है। इस बीच एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ( Sandeep Deshpande ) पर शिवसेना पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ( Sanjay Raut ) को लेकर विवादित बयान दिया है। देशपांडे ने कहा कि संजय राउत की मानसिक हालत ठीक नहीं है। साथ ही शिवसेना भूल गई है कि हम हिंदू हैं। उसे इस बात का अहसास कराना जरूरी है। 

कब तक जुर्माना लगाएगी उद्धव सरकार

संदीप देशपांडे ( Sandeep pande ) वही हैं जिन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा लाउडस्पीकर ( Loudspeaker Controversy ) लगाने और हनुमान चालीसा बजाने पर जुर्माना लगाने के बाद कहा था कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करती है। मनसे नेता संदीप देशपांडे ने हनुमान चालीसा बजाने पर जुर्माना लगाने पर आश्चर्य जताते हुए कहा था कि उन पर हनुमान चालीसा खेलने के लिए जुर्माना लगाया गया था। हम भी देखना चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे की सरकर कितनी बार वे हम पर जुर्माना लगाएंगे। हम देखना चाहते हैं कि कौन हमें ठीक करना चाहता है। स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के पुत्र और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हमें बताना चाहिए कि इस मुद्दे पर उनका क्या रुख है।  

16 शर्तों के साथ रैली करने की इजाजत

दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार में शामिल मंत्री असलम शेख ने बयान दिया है कि अगर औरंगाबाद रैली के दौरान एमएनएस की ओर से कानून का उल्लंघन हुआ तो कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नियमों को उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। औरंगाबाद में 9 मई तक धारा 144 लागू है। 16 शर्तों के साथ एमएनएस को औरंगाबाद में रैली की इजाजत दी गई है।

Loudspeaker Controversy : बता दें कि लाउडस्पीकर ( Loudspeaker Controversy ) और हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa  ) के मुद्दे पर शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ( MNS ) आगे आ गई है। साथ ही शिवसेना के लिए एमएनएस का सामने आना परेशानी का सबब भी बन गया है। शिवसेना ( Shiv Sena ) की चिंता यह है कि अगर इस मुद्दे पर पार्टी कमजोर पड़ी तो एमएनएस की सियासी हैसियत बढ़ना तय है। ऐसे में शिवसेना से जुड़े लोग भी एमएनएस से हाथ मिला सकते हैं।  

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