Lucknow News : मानसून सत्र से पहले ही अखिलेश के नेतृत्व में सपा का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस ने रोका तो सड़क पर बैठे सपा मुखिया
Lucknow News : आज 19 सितंबर सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ, इस सत्र से पहले ही समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला...
Lucknow News : आज 19 सितंबर सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ। इस सत्र से पहले ही समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला। जिसको लखनऊ पुलिस ने रोक दिया। पुलिस का कहना है कि सपा ने मार्च के दौरान रूट फॉलो नहीं किया है। वहीं पुलिस द्वारा रोके जाने पर अकिलेश यादव सड़क पर ही जमीन में बैठ गये।
मानसून सत्र से पहले ही अखिलेश यादव के साथ मार्च में भारी तादाद में कार्यकर्ताओं का हुजूम दिखाई दिया। जिसके कुछ देर बाद ही विधायकों के साथ अखिलेश यादव को लखनऊ पुलिस ने रोक दिया। पुलिस द्वारा मार्च को रोके जाने के बाद सपा प्रमुख वहीं सड़क पर ही विधायकों और समर्थकों के साथ बैठ गये।
इस दौरान लखनऊ पुलिस ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पैदल मार्च के रूट को फॉलो नहीं किया। इसलिए उन्हें आगे बढ़ने से रोका गया है। वहीं इसपर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा से नियमों के पालन की उम्मीद कपोल कल्पना है। आंदोलन के लिए उन्हें नियमानुसार अनुमति मांगनी चाहिये थी।
उन्होने कहा कि किसी भी दल और नेता को लोकतात्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कोई बुराई नहीं है। हर व्यक्ति को अधिकार है। नियमानुसार अगर उन्होने कोई अनुमति मांगी होगी तो पुलिस उन्हें सुरक्षित और सही मार्ग अवश्य देगी। ये जिम्मेदारी नेता और संगठन का दायित्व बनाता है कि वे अपने किसी भी आंदोलन के लिए नियम के अनुसार अनुमति मांगें। इसके साथ ही वे सुनिश्चित करें कि बिना लोगों को समस्या पहुँचाए अपने काम को पूरा करें।
अखिलेश यादव ने पत्रकारों से इस दौरान कहा, यूपी में सड़कें जर्जर हैं। गड्ढे बन गए हैं। किसान परेशान हैं। कुछ जगह बाढ़ तो कुछ जगह सूखा, पर कोई राहत न दी गई। नुकसान भी हुआ, पर किसानों को कोई मुआवजा न मिला। लंपी वायरल फैला है, उससे जानवर भी मरे पर सरकार ने कुछ न किया।
ज्वॉइंट सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) पीयूष मोरडिया ने समाचार एजेंसी को इस बारे में बताया- इन लोगों ने अनुमति नहीं ली थी। फिर भी उन्हें एक तय रूट बताया गया, ताकि ट्रैफिक पर असर न पड़े। पर सपाइयों ने वैसा करने से मना कर दिया। ऐसे में हमारे पास उन्हें रोकने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। अगर वे बताया गया रूट ले लेते तो कोई दिक्कत नहीं है।