Maharashtra News : सरकार करती है धारा 124A का दुरूपयोग, राजद्रोह के कानून पर बोले शरद पवार

Maharashtra News : शरद पवार ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A (राजद्रोह) को निरस्त कर देना चाहिए और इसकी जगह पर सुचना प्रोधौगिकी अधिनियम की धारा 66A को फिर से शामिल करना चाहिए...

Update: 2022-04-29 08:15 GMT

Maharashtra News : सरकार करती है धारा 124A का दुरूपयोग, राजद्रोह के कानून पर बोले शरद पवार

Maharashtra News : राजद्रोह के कानून को लेकर पिछले कई सालों से देश में बहस हो रही है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके विधायक पति रवि राणा (Ravi Rana) के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद एक बार फिर से इस कानून पर बहस छिड़ गई है। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार का एक बड़ा बयान सामने आया है।

124A को किया जाना चाहिए निरस्त

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शरद पवार (Sharad Pawar) ने बीमा कोरेगांव (Bheema Koregaon) जांच आयोग के समक्ष एक अतिरिक्त हलफनामा दायर कर 'कानूनी सुधारों' का सुझाव दिया है। बात दें कि शरद पवार ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A (राजद्रोह) को निरस्त कर देना चाहिए और इसकी जगह पर सुचना प्रोधौगिकी अधिनियम की धारा 66A को फिर से शामिल करना चाहिए।

सरकार करती है राजद्रोह कानून का दुरूपयोग

शरद पवार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि आईपीसी की धारा 124A का दुरूपयोग अक्सर उन लोगों के खिलाफ किया जाता है, जो सरकार के आलोचना करते हैं। साथ ही शरद पवार ने कहा यही कि जो लोग शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाते हैं, उनकी आवाज इस धारा के आड़ में दबा दी जाती है, लिहाजा इस कानून को निरस्त किया जाना चाहिए। अपने अतिरिक्त हलफनामे में उन्होंने दोहराया है कि उन्हें 1 जनवरी 2018 को पुणे में कोरेगांव - भीमा युद्ध स्मारक पर हुई घटना के लिए जिम्मेदार कारणों के बारे में कोई जानकारी या सुचना नहीं थी।

शरद पवार को भेजा गया है समन

भीमा-कोरेगांव (Bheema-Koregaon) इन्‍क्‍वायरी कमीशन (Enquiry Commission) की ओर से एनसीपी चीफ (NCP Chief) शरद पवार (Sharad Pawar) को समन भेजा गया है। उन्हें आगामी 5 और 6 मई को कमीशन के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस जेएन पटेल (Justice JN Patel) की अगुवाई वाला दो सदस्यीय कमीशन एक जनवरी 2018 को कोरेगांव भीमा इलाके में हुई हिंसा की जांच कर रहा है। आपको बता दे कि घटना में एक शख्स की मौत गयी थी जबकि कई लोग जख्मी हो गए थे।

उनका कहना था कि अपना जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें कुछ और वक्त की जरूरत है। कमीशन के सचिव ने कहा कि पवार ने कुछ दिनों पहले अपना अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर दिया था। फिलहाल हमने उन्हें लैटर ऑफ रिक्वेस्ट भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वो 5 और 6 मई को कमीशन के सामने उपस्थित होकर अपना जवाब दाखिल करें।

गौरतलब है कि कमीशन ने इससे पहले 23 व 24 फरवरी को शरद पवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। उस दौरान पवार ने 21 फरवरी को कमीशन के दफ्तर जाकर सुनवाई को स्थगित करने की मांग की थी।


(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू—ब—रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)

Tags:    

Similar News