Maharashtra Political Crisis : एकना​थ शिंदे बोले - 'असली शिवसैनिक हैं, सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे'

Maharashtra Political Crisis : हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब के हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे।

Update: 2022-06-21 09:50 GMT

Maharashtra Political Crisis : एकना​थ शिंदे बोले - असली शिवसैनिक हैं, सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे

Maharashtra Political Crisis : बीती रात से महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट ( Political Crisis ) के बीच उद्धव सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde ) ने पहली बार बयान दिया है। शिवसेना ( Shiv Sena ) से बगावत के बाद उन्होंने अपने बयान में कहा है कि हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब के हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे।

सीएम आवास पहुंचे शिंदे समर्थक 3 विधायक

उद्धव के मंत्री बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद साहेब ने हमें धोखा देना नही सिखाया है। इस बीच शिंदे ( Eknath Shinde ) समर्थक 3 विधायकों को उद्धव आवास लाया गया है। इसमें दादा भूसे, संजय राठौर और संजय बांगड़ शामिल हैं। तीनों की मुलाकात सीएम उद्धव ठाकरे से हुई है।

बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। पहले राज्यसभा चुनाव और सोमवार को MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद मंत्री और शिवसेना के सीनियर नेता एकनाथ शिंदे गुजरात के सूरत चले गए हैं। उनके साथ समर्थक विधायक भी हैं। बताया जा रहा है कि शिंदे अपने समर्थक विधायकों के सूरत के फाइव स्टार होटल में रुके हैं। 

तीनों घटक दल एक साथ

Maharashtra Political Crisis : इससे पहले महाराष्ट्र के सियासी संकट पर शरद पवार ( Sharad Pawar ) ने कहा था कि महाराष्ट्र में तीसरी बार ऐसा हो रहा है। वह बोले कि NCP का कोई विधायक इधर से उधर नहीं गया है। एकनाथ शिंदे की नाराजगी शिवसेना का आंतरिक मामला है। क्या ठाकरे की सरकार गिरेगी? इसपर पवार ने कहा कि कोई ना कोई विकल्प सरकार बचाने का निकल आयेगा। पवार ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों ही एक साथ हैं। 

दरअसल,महाराष्ट्र में सियासी खेल राज्यसभा चुनावों से शुरू हो गया था। राज्यसभा चुनावों में 113 विधायकों के समर्थन वाली भाजपा को 123 वोट पड़े थे। इसके बाद एमएलसी चुनावों में उसकी ताकत और बढ़ती दिखाई दी। सोमवार को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ और भाजपा यहां विधान परिषद के अपने पांचों उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब रही। दूसरी तरफ शिवसेना को अपने 55 विधायकों व समर्थक निर्दलीय विधायकों के बावजूद सिर्फ 52 वोट मिले।

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