Mallikarjun Kharge ने रियायत के मुद्दे पर केंद्र को घेरा, कहा - मोदी सरकार को सिर्फ अमीरों की चिंता, गरीबों की नहीं

मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge ) का कहना है कि मोदी सरकार का संवेदनहीन चेहरा सामने आ गया है। भारत सरकार ने ट्रेन से यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत को निलंबित कर दिया। साथ ही उनकी जेब से अतिरिक्त 1500 करोड़ रुपए निकाल लिए।

Update: 2022-05-22 10:41 GMT

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नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में देश में अमीरी और गरीबी के बीच दायरा तेजी से बढ़ा है। इस मुद्दे पर ट्विटकर कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे  ( Mallikarjun Kharge ) ने केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सरकार ( Narendra Modi ) ने ट्रेन से यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत को निलंबित कर दिया और उनकी जेब से अतिरिक्त 1500 करोड़ रुपए निकाल लिए।

दूसरी तरफ पूंजीपतिपरस्त मोदी सरकार ने अमीरों के निगमों के लिए 2 लाख करोड़ रुपए के ऋण माफ कर दिए। मोदी सरकार ( Modi Government )  के शासन में रियायतें केवल अमीरों के लिए होती हैं। मध्यम वर्ग व गरीबों से मोदी सरकार का कोई लेना देना नहीं है।

मोदी सरकार ने 23 करोड़ लोगों को गरीब बनाया

एक दिन पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge ) ने कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया था। कांग्रेस सरकार ( Congress Government )  की योजनाओं के कारण ऐसा संभव हो पाया था लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ( Modi Government ) ने ऐसी योजनाएं चलाईं कि 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए। यानी 23 करोड़ लोग गरीब हो गए।

नड्डा झूठ बोल रहे हैं

पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge ) यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के बयान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार ( Modi Government ) के कार्यकाल में गरीबों की संख्या घटी है। जगत प्रकाश नड्डा झूठ बोल रहे हैं। जब रोजगार घट गया है, तो लोगों का जीवन स्तर कैसे सुधर सकता है?

इसी तरह पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश से लगती सीमा पर चीन गांवों और सड़कों का निर्माण कर रहा है। हमने केंद्र सरकार को इसके बारे में जानकारी दी लेकिन उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है। इतना ही नहीं, केंद्र ने इस मुद्दे पर झूठ बोला। लोगों को गुमराह किया। उन्हें बाद में एहसास होगा कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती की है। 

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