भवानीपुर जीतने के बाद भी ममता बनर्जी के शपथ में कानूनी अड़चन, देना पड़ सकता है CM पद से इस्तीफा
ममता बनर्जी ने 7 अक्टूबर को विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने का फैसला किया है, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इसमें लगा दिया कानूनी अडंगा...
West Bengal news जनज्वार। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के शपथ ग्रहण को लेकर बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी आमने-सामने आ गए हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बंगाल के राज्यपाल और विधानसभा के अध्यक्ष के बीच किसी कानून का हवाला दिया गया है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी से विधायकों को शपथ दिलवाने की शक्ति छीन ली है। अध्यक्ष चाहते थे कि 30 सितंबर को हुए विधानसभा उपचुनाव में विजयी ममता बनर्जी समेत तीनों तृणमूल सदस्यों को विधानसभा सदस्यता की शपथ जल्दी दिला दी जाए।
अध्यक्ष ने पत्र लिखकर राज्यपाल से उपचुनाव में जीते हुए उम्मीदवारों को शपथ दिलाने का अधिकार मांगा था। राज्यपाल धनखड़ की इस कार्रवाई से अध्यक्ष और उनके बीच पहले से जारी तनातनी और बढ़ने के आसार हैं। बता दें कि भवानीपुर उपचुनाव जीतने के बाद ममता बनर्जी को सीएम पद पर बने रहने के लिए अगले माह की 4 तारीख से पहले विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेनी जरूरी है।
ममता बनर्जी ने 3 अक्टूबर को ही भवानीपुर उपचुनाव में भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल को हराकर शानदार जीत दर्ज की है। ममता बनर्जी ने 7 अक्टूबर को विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने का फैसला किया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को पत्र लिखकर शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहने की अपील की है। हालांकि, इस पत्र के जवाब में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जो बात कही है, उससे ममता बनर्जी की शपथ में पेंच फंसता नजर आ रहा है।
राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा, शपथ को लेकर सरकार व अध्यक्ष द्वारा की गई अपील कानून की गलत व्याख्या पर आधारित है। राज्यपाल ने कहा है कि चुनाव नतीजों की अधिसूचना जारी होने और संबंधित प्राधिकारी द्वारा उन्हें इसकी सूचना भेजने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। इसी को लेकर राज्यपाल और अध्यक्ष के बीच तनातनी देखी जा रही है। जुलाई 2019 में बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद से ही जगदीप धनखड़ और राज्य सरकार के रिश्ते कड़वाहट से भर गए थे। कुछ तृणमूल नेताओं ने बताया कि जगदीप धनखड़ की ताजा कार्रवाई से ये रिश्ते और बिगड़ सकते हैं।
तृणमूल नेताओं का कहना है कि ममता दुर्गा पूजा से पहले ही सभी औपचारिकताएं निपटा लेना चाहती हैं, जिसमें अब एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है। मार्च-अप्रैल में हुए बंगाल विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम सीट से हारने के बाद ममता बनर्जी ने 5 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अब भवानीपुर सीट से जीतने के बावजूद अगर ममता 4 नवंबर तक विधानसभा सदस्य की शपथ नहीं पाती हैं, तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने की नौबत आ सकती है।