मोदी के प्रिय शुभेंदु अधिकारी पर ममता सरकार ने दर्ज कराया मुकदमा, राहत सामग्री चुराने का है आरोप
सुभेंदु अधिकारी पिछले साल नवंबर तक ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री थे। वह दिसंबर 2020 में बीजेपी में शामिल हुए थे। वह फिलहाल राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं....
जनज्वार ब्यूरो/कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता सुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ ममता सरकार ने मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन दोनों ने कांठी नगरपालिका से राहत सामग्री चुराई।
पुलिस के मुताबिक, अधिकारी भाइयों के खिलाफ रत्नदीप मन्ना की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। रत्नदीप कांठी नगर प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य हैं। आरोप ये भी है कि सुभेंदु अधिकारी ने इस कथित चोरी में सशस्त्र केंद्रीय बलों का भी इस्तेमाल किया।
रत्नदीप मन्ना ने ये एफआईआर 1 जून को कांठी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई। एफआईआर में लिखा है- '29 मई 2021 को दोपहर 12:30 बजे सुभेंदु अधिकारी, उनके भाई और कांठी नगर पालिका के पूर्व नगर प्रमुख के कहने पर सरकारी तिरपाल चोरी कर ली। इसकी कीमत लाखों में है। ये तिरपाल नगर पालिका कार्यालय के गोदाम से जबरदस्ती ले जाया गया। साथ ही ताला तोड़ा गया।'
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि सूचना मिलने पर जब शिकायतकर्ता नगर पालिका के अन्य सदस्यों के साथ गोदाम की जांच करने गए तो उनका सामना हिमांगशु मन्ना से हुआ। पूछने पर उन्होंने बताया कि शुभेंदु अधिकारी और सौमेंदु अधिकारी के निर्देशानुसार तिरपाल लिए गए हैं।
गौरतलब है कि सुभेंदु अधिकारी पिछले साल नवंबर तक ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री थे। वह दिसंबर 2020 में बीजेपी में शामिल हुए थे। वह फिलहाल राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। विधानसभा चुनाव में उन्होंने ममता को नंदीग्राम से कड़े मुकाबले में हराया था।
इस बीच कोलकाता पुलिस ने दूसरे मामले में शुभेन्दु अधिकारी के एक करीबी राखल बेरा को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। बेरा पर 2019 के दौरान सिंचाईं एवं जलमार्ग मंत्रालय में नौकरी दिलाने के फर्जी वादा करके लोगों को धोखा देने का आरोप है।
हाल के दिनों में ममता बनर्जी और सुभेंदु अधिकारी के बीच जमकर ज़बानी जंग देखी गई है। सुभेंदु के पिता शिशिर कुमार अधिकारी कांठी से टीएमसी के सांसद है। ममता बनर्जी ने उन पर दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण (डीएसडीए) के सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान फंड की हेराफेरी और खराब काम का आरोप लगाया है।
जनवरी 2021 तक शिशिर डीएसडीए के चेयरमैन थे। उनके बेटे सुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के महीनों बाद, पार्टी लाइन के खिलाफ राजनीतिक बयान देने के लिए उन्हें बनर्जी ने हटा दिया था।
पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव के बाद से सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच सियासी टकराव बरकरार है। 'यास' तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में समीक्षा बैठक की थी।
इस बैठक में सीएम ममता बनर्जी और बंगाल के तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय 30 मिनट की देरी से पहुंचे थे। बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने न केवल इसकी आलोचना की थी बल्कि ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि गैर विधायक सीएम ने पीएम का अपमान किया है।
ममता बनर्जी ने उस समीक्षा बैठक में शुभेंदु अधिकारी के शामिल होने पर सवाल उठाया था और पूछा था कि एक विधायक को इसकी इजाजत क्यों दी गई? बीजेपी ने ममता के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा था कि शुभेंदु अधिकारी को विधायक दल का नेता और विरोधी दल का नेता चुना गया है। इस हैसियत से वह पीएम के साथ मीटिंग में थे।
पीएम की मीटिंग में देरी से पहुंचने पर ममता ने जब सफाई दी तो शुभेंदु ने उस पर भी पलटवार किया और कहा कि ममता झूठ बोल रही हैं। इसी विवाद में केंद्र ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय की प्रतिनियुक्ति केंद्र सरकार में कर दी। ममता ने जहां इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया, वहीं शुभेंदु ने इसे रूटीन की कार्रवाई बताया।