मायावती बोली बदहाल सरकारी स्कूलों के चलते यूपी में घटे 22 लाख छात्र, मदरसों पर योगी के बुल्डोजर एक्शन पर भी उठाये सवाल

मायावती कहती हैं, 'वैसे तो सरकारी स्कूलों के हालात देश के अधिकतर राज्यों में काफी खराब हैं, किन्तु यूपी व बिहार में यह अति-दयनीय होने से बहुजन गरीब परिवारों का बहुप्रतीक्षित विकास बाधित व इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। ऐसे में स्कूल शिक्षा पर ध्यान देकर इन्हें बंद करने के बजाय प्रोत्साहन देना बहुत जरूरी है...

Update: 2025-05-20 09:19 GMT

Mayawati on UP Education system : बसपा सुप्रीमो मायावती बहुजन ने योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्रित्व काल में यूपी के सरकारी स्कूलों की बदहाल होते सरकारी स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से एक पोस्ट लिखते हुए चिंता व्यक्त की है कि 2023-24 में प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 1.74 करोड़ बच्चों ने प्रवेश लिया था, लेकिन 2024-25 में यह आंकड़ा घटकर मात्र 1.52 करोड़ रह गया है। यानी स्कूल दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में में लगभग 22 लाख की गिरावट आयी है।

मायावती कहती हैं, 'वैसे तो सरकारी स्कूलों के हालात देश के अधिकतर राज्यों में काफी खराब हैं, किन्तु यूपी व बिहार में यह अति-दयनीय होने से बहुजन गरीब परिवारों का बहुप्रतीक्षित विकास बाधित व इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। ऐसे में स्कूल शिक्षा पर ध्यान देकर इन्हें बंद करने के बजाय प्रोत्साहन देना बहुत जरूरी है।

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मायावती सवाल उठाते हुए कहती हैं, 'फिर भी सस्ती व सुलभ व्यवस्था के तहत मदरसों आदि की प्राइवेट व्यवस्था के विरुद्ध सरकार का रवैया सहयोग का होने के बजाय उन्हें अवैध बताकर बंद करने का होना बुनियादी शिक्षा की जरूरत को और कमजोर करने वाला गैर-जरूरी तथा अनुचित है। निजी मदरसों के प्रति सरकार अपना रवैया बदले तो बेहतर होगा।

मायावती लिखती हैं, 'यूपी के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में सन 2023-24 में 1.74 करोड़ दाखिले हुए, किन्तु 2024-25 में मात्र 1.52 करोड़ अर्थात स्कूल दाखिला में लगभग 22 लाख की गिरावट आयी है। सरकारी स्कूल व्यवस्था की ऐसी बदहाल स्थिति गंभीर व चिन्तनीय है। शिक्षा के महत्व व जरूरत पर सरकार का उचित ध्यान जरूरी है।

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गौरतलब है कि यूपी में अवैध बताकर कई मदरसों पर बुल्डोजर चलाया जा चुका है। सरकार का कहना है कि अवैध तरीके से चल रहे मदरसों पर कार्रवाई के तहत उन्हें बंद किया जा रहा है और अतिक्रमण कर बनाई गई इमारतों को ढहाया जा रहा है। 

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