Meat Shop Ban Controversy : दुर्गा पूजा में MCD की मीट शॉप बंद करने की कोई पॉलिसी ही नहीं, फिर नफरत का माहौल किसने बनाया?

Meat Shop Ban Controversy : सवाल यह है कि मीट शॉप बंद करने की आड़ में जिस तरह से दो समुदायों के बीच नफरत का माहौल बनाया जा रहा है उसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?

Update: 2022-04-06 05:11 GMT

एमसीडी एरिया में मीट शाॉप बंद करने को लेकर कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।

Meat Shop Ban Controversy : भाजपा शासित राज्य कर्नाटक से शुरू हुआ मीट शॉप बंद ( Meat Shop ban Controversy ) करने का विवाद अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। भाजपा शासित तीन एमसीडी में से दो मेयर ने चेत्र नवरात्र के मीट शॉप करने के आदेश दिए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस आदेश में पीछे कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। यानि एमसीडी ( MCD ) का ऐसा कोई नियम नहीं जो यह बताता हो कि नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखना जरूरी है। सवाल यह है कि मीट शॉप बंद करने की आड़ में जो दो समुदायों के बीच नफरता का माहौल बनाया गया है, उसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?

सियासी सेहत के लिए नफरती माहौल ठीक नहीं

फिलहाल साउथ और ईस्ट एमसीडी के मेयर ने आधिकारियों को जो आदेश दिए हैं, उस पर एक नई बहस छिड़ गई है। एमसीडी अधिकारी इस मुद्दे पर भ्रम की स्थिति में हैं कि वे मेयर के आदेशों को लागेू करें या नहीं। अधिकारियों का कहना है कि मीट पॉलिसी 2021 में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि त्योहारों के दौरान मीट शॉप बंद किए जाएं। इसके बावजूद दिल्ली में मीट शॉप बंद करने को लेकर दो समुदायों के बीच तलवारें खिंचने जैसा माहौल बना दिया गया है। चिंता की बात यह है कि नेताओं के इस कारनामे की वजह से बेवजह अशांति जैसा माहौल बन गया है, जो किसी भी लिहाज से सियासी सेहत के लिए भी ठीक नहीं है।

मेयर के आदेश पर अमल संभव नहीं

एमसीडी साउथ, नार्थ और ईस्ट एमसीडी के वेटरनरी विभाग अफसरों के मुताबिक नई मीट पॉलिसी मार्च 2021 में लागू की गई थी। मीट शॅप को रेग्यूलेट करने के लिए जो नई पॉलिसी बनाई गई है, उसमें यह कही भी जिक्र नहीं कि् त्योहारों के दौरान मीट शॉप बंद रखा जाए। इसलिए मेयर के मीट शॉप बंद करने का आदेश लागू करना मुश्किल होगा। दूसरा मेयर का आदेश सीधे तौर पर लागेू नहीं किया जा सकता। जब तक उनके आदेशों पर कमिश्नर का अप्रूवल न हो। कमिश्नर 2 अप्रैल से 11 अप्रैल तक मीट शॉप को बंद रखने के आदेश पर अमल करने के तभी कहेंगे जब कानूनी प्रावधान हो।

एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी तरह से सीनियर अधिकारी वेटरनी विभाग अफसरों को मीट शॉप बंद करने का आदेश दे भी देते हैं तो सबसे पहले मीट पॉलिसी में बदलाव करना होगा। पॉलिसी में बदलाव के लिए प्रस्ताव स्टैंडिंग कमिटी और फिर सदन में रखना होगा। यह एक लंबी प्रक्रिया है।

किस-किसने जारी किया आदेश

सबसे पहले दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सुर्यान ने चार अप्रैल को ये आदेश दिया था कि दुर्गा पूजा के मद्देनजर 2 से 11 अप्रैल तक मीट की दुकानों को बंद रखा जाए। उसके बाद ईस्ट दिल्ली के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल की सफाई सामने आई है। उन्होंने मंगलवार को कहा है कि अभी तक यह सिर्फ एक अपील है। नवरात्र के दौरान हम लोग प्याज-लहसुन भी नहीं खाते हैं। इसलिए मैंने सभी मीट विक्रेताओं से अपील की है कि वे हिंदू भाव को समझें और इन दिनों में अपनी दुकान को बंद रखें।

पूर्वी दिल्ली के महापौर ने कहा कि हर साल नवरात्रि के आखिरी तीन दिनों में गाजीपुर कसाईखाना बंद रहता है और इस साल यह 8-10 अप्रैल तक बंद रहेगा। हालांकि, नॉर्थ एमसीडी ने इस बाबत कोई आदेश जारी नहीं किया है।

किसने क्या कहा?

पूरे देश में लगे प्रतिबंध : परवेश वर्मा

पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश वर्मा ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं के 'भड़काऊ' बयानों से प्रभावित नहीं होना चाहिए और सद्भाव बनाए रखना चाहिए। अगर अन्य समुदाय हिंदू त्योहार का सम्मान करते हैं और फैसले का स्वागत करते हैं, तो हम भी उनके त्योहार के समय सम्मान दिखाएंगे। परवेश वर्मा ने न केवल महापौरों के आह्वान का समर्थन किया, बल्कि कहा कि नवरात्र के दौरान पूरे देश में इस तरह का प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

अच्छा है बहुसंख्यकवाद लागू हो जाए : उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने एसडीएमसी के महापौर पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि रमजान के दौरान हम सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच नहीं खाते हैं। मुझे लगता है कि यह ठीक ही होगा अगर हम हर गैर-मुस्लिम निवासी या पर्यटक को सार्वजनिक रूप से खाने से प्रतिबंधित करते हैं। खासकर मुस्लिम बहुल वाले इलाके में। अगर दक्षिणी दिल्ली के लिए बहुसंख्यकवाद सही है, तो उसे जम्मू कश्मीर के लिए भी सही होना चाहिए।।

कहां से और कैसे शुरू हुआ विवाद?

Meat Shop Ban Controversy : मीट शॉप बैन को लेकर विवाद की शुरुआत कर्नाटक में हिजाब के बाद हलाल मीट ( halal meat) के मुद्दे पर शुरू हुई थीे। यह विवाद गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) मतलब हिंदू नववर्ष के त्योहार से पहले शुरू हुआ और अबतक जारी है। इस मसले में आग में घी डालने का काम किया कर्नाटक सरकार के एक आदेश ने किया। आदेश में मीट की दुकानों को लेकर कुछ निर्देश दिए गए थे। कर्नाटक पशुपालन विभाग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) को 1 अप्रैल 2022 को एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि शहर में जितने भी बूचड़खाने और मुर्गे की दुकानें हैं उन सभी पर जानवरों को बिजली का करंट (electric shock ) देने की सुविधा होनी चाहिए। ऐसा हलाल मीट का प्रचलन कम करने के लिए किया गया था। उसके बाद नवरात्र की वजह से यूपी में पहुंचा और अब दिल्ली में तीनों एमसीडी क्षेत्र में नफरती विवाद विवाद का रूप धारण कर चुका है।

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