महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर लगाया नजरबन्द रखने का आरोप, कहा अफगानियों की चिंता है लेकिन कश्मीरियों की नहीं

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार अफगानिस्तान के लोगों के अधिकारों को लेकर चिंता जाहिर करती है लेकिन कश्मीरियों को जानबूझकर उसके हक से वंचित करती है....

Update: 2021-09-07 10:26 GMT

जनज्वार। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने आरोप लगाया है कि उन्हें एक बार फिर से नजरबंद कर दिया गया है। इसकी जानकारी महबूबा मुफ्ती ने ट्वीटर पर दी है। महबूबा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर (Kashmir)  में सब सामान्य होने का दावा फर्जी है। महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अफगानिस्तान के लोगों के अधिकारों को लेकर चिंता जाहिर करती है लेकिन कश्मीरियों को जानबूझकर उसके हक से वंचित करती है।

पीडीपी प्रमुख ने ट्वीट में लिखा- 'भारत सरकार अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोगों के अधिकारों की चिंता करती है लेकिन कश्मीरियों को जानबूझकर उसका हक नहीं देती। मुझे आज घर में नजरबंद कर दिया गया है क्योंकि प्रशासन का कहना है कि स्थिति ठीक नहीं है। यह केंद्र सरकार के कश्मीर में सबकुछ ठीक होने के दावे की असलियत बताता है।'

महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में दो तस्वीरें भी साझा की हैं जिनमें एक में गेट के आगे पुलिस का वाहन खड़ा है जबकि दूसरे में दरवाजे पर ताला लगा हुआ है।

वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश में अधिकांश प्रतिबंध वापस ले लिए गए हैं। पुलिस ने ट्विटर पर इस बारे में ट्वीटर पर बताया कि इंटरनेट भी चालू हो गया है और अब कश्मीर में स्थिति सामान्य है लेकिन उनकी नजर अभी भी बनी हुई है।

वहीं अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति को लेकर सोमवार 6 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की है।

बता दें तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में 20 वर्षों के बाद सत्ता को कब्जाया है। 15 अगस्त को राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा किया। उसके बाद अब दूसरी तालिबान सरकार के गठन की तैयारी चल रही है। पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई के चीफ जनरल फ़ैज़ काबुल का दौरा कर चुके हैं।

इस बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि वह कश्मीर समेत दुनियाभर के मुसमानों का मुद्दा उठाएंगे। लिहाजा भारत सरकार अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे पर काफी अलर्ट है।

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