मनी लॉड्रिंग केस में 70 साल की बुजुर्ग मां को थमाया नोटिस तो महबूबा ने लगाया मोदी सरकार पर बड़ा आरोप

मां के नाम से नोटिस जारी होने के बाद पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, जिस दिन पीडीपी ने परिसीमन आयोग से नहीं मिलने का फैसला किया, ईडी ने मेरी मां को अज्ञात आरोपों के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का समन थमा दिया...

Update: 2021-07-08 03:42 GMT

महबूबा मुफ्ती ने साधा मोदी सरकार पर निशाना कहा, तिरंगा बदलकर भगवा झंडा आपके हाथों में दे देंगे बीजेपी वाले

जनज्वार ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर के गुपकार गठबंधन ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नजीर को ईडी ने मनी लॉड्रिंग मामले में नोटिस थमाया है, जिसका विरोध करते हुए गुपकार ने कहा है कि राजनीतिक विरोध की आवाज दबाने की दिशा में उठाया गया कदम है। महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नजीर 70 साल की बुजुर्ग और कमजोर महिला हैं, आखिर उन्हें ईडी इस तरह नोटिस कैसे थमा सकता है।

पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के प्रवक्ता एमवाई तारिगामी ने बुधवार 7 जुलाई को इसका विरोध करते हुए बयान दिया, 'ईडी द्वारा पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पत्नी गुलशन नजीर को बुलाया जाना बेहद अपमानजनक है, जिसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।'

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एमवाई तारिगामी के मुताबिक, 'पीडीपी ने जब परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) से मिलने से इनकार किया तो उसके कुछ ही घंटों बाद महबूबा मुफ्ती की 70 वर्षीय बुजुर्ग मां गुलशन नजीर के नाम से समन जारी कर दियार गया। राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके असंतोष की आवाज को दबाना हमें किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है।'

गौरतलब है कि ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मंगलवार 6 जुलाई को महबूबा मुफ्ती की बुजुर्ग मां गुलशन नजीर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 जुलाई को श्रीनगर में एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए एक नोटिस जारी किया है। कार्यालय में गुलशन नजीर से पूछताछ की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज यह मामला Mehbooba Mufti के एक कथित सहयोगी पर छापेमारी के बाद केंद्रीय एजेंसी को मिली दो डायरियों से जुड़ा हुआ है। इन डायरियों में मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से किए गए कुछ कथित भुगतानों का जिक्र शामिल है। एजेंसी ने दावा किया है कि नियमों का उल्लंघन करते हुए गलत ढंग से फंड ट्रांसफर किए गए हैं।

अपनी मां के नाम से नोटिस जारी होने के बाद पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'जिस दिन पीडीपी ने परिसीमन आयोग से नहीं मिलने का फैसला किया, ईडी ने मेरी मां को अज्ञात आरोपों के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का समन भेजा। राजनीतिक विरोधियों को डराने-धमकाने के अपने प्रयासों में भारत सरकार वरिष्ठ नागरिकों को भी नहीं बख्शती। एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियां ​​अब स्कोर तय करने के लिए इसके टूल्स बन चुके हैं।'

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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के फिर से निर्धारण की कवायद की जा रही है। इसी के तहत परिसीमन आयोग के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और चुनाव अधिकारियों से मुलाकात की। अधिकारियों का कहना है कि परिसीमन आयोग के सदस्यों ने अनंतनाग जिले के पहलगाम का दौरा इसी के तहत किया और वहां दक्षिण कश्मीर क्षेत्र के राजनेताओं से बातचीत भी की गयी। परिसीमन आयोग का नेतृत्व सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कर रहे हैं। परिसीमन आयोग के सदस्य मंगलवार 6 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं और विधानसभा क्षेत्रों के फिर से निर्धारण के लिए राजनेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।

पीडीपी और एएनसी ने परिसीमन आयोग के सदस्यों से इस बारे में बात न करने का फैसला किया। दूसरी तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, माकपा, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस शामिल हैं। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और माकपा ने 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन की मांग रखी है।

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