हत्या-मानव तस्करी के आरोपी को गृह राज्यमंत्री बनाकर तड़ीपार रह चुके अमित शाह के योग्य जोड़ीदार का चयन किया मोदी ने

बंगाल के भाजपा नेता निशीथ प्रामाणिक, जो 2019 में कूचबिहार लोकसभा सीट से जीतने के बाद संसद सदस्य के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, को 7 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया....

Update: 2021-07-10 08:01 GMT

(प्रामाणिक उन चार मौजूदा भाजपा सांसदों में से एक थे जिन्हें पार्टी ने इस साल की शुरुआत में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उतारा था)

जनज्वार डेस्क। किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र में अपराधियों को मंत्री पद से दूर ही रखा जाता है। लेकिन भारत में मोदी राज के दौरान अपराधियों को शासन चलाने की ज़िम्मेदारी देकर उनको पुरस्कृत करने की परिपाटी साफ दिखाई देती है। राजनीति के अपराधीकरण से देश भले ही गर्त में चला जाए, मौजूदा प्रधानमंत्री को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। यही वजह है कि तड़ीपार घोषित रह चुके अमित शाह आज इस देश के गृह मंत्री हैं और मोदी ने उनके योग्य जोड़ीदार के तौर पर ऐसे ही आपराधिक पृष्ठभूमि वाले निशीथ प्रामाणिक को नया गृह राज्यमंत्री बना दिया है।

नए गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रामाणिक के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती व मानव तस्करी के 11 गैर जमानती मामले हैं। बैंक डकैती व गहनों की दुकान की लूट के मामले भी उनके खिलाफ दर्ज हैं। लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में प्रामाणिक ने अपने खिलाफ 11 आपराधिक मामले लंबित होने की घोषणा की थी।

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रामाणिक की शैक्षणिक योग्यता को लेकर तृणमूल नेता की ओऱ से सवाल उठा गया है। कूचबिहार के तृणमूल नेता ने इंटरनेट मीडिया पर उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए लिखा कि प्रमाणिक ने स्नातक किया है या सिर्फ दसवीं पास हैं।

उनके दावे के अनुसार सांसदों की वेबसाइट में प्रामाणिक की शैक्षणिक योग्यता बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन(बीसीए) पास बताया गया है। लेकिन चुनाव के दौरान हलफनामे में लिखी गई उच्चतम शैक्षणिक योग्यता माध्यमिक है। कूचबिहार के तृणमूल नेता पार्थप्रतिम रॉय ने इस जानकारी के साथ अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट किया है।

भारत सरकार की वेबसाइट india.gov.in के 'इंडियन पार्लियामेंट' सेक्शन में निशीथ प्रामाणिक को बीसीए पास का बताया गया है। उसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि उन्होंने वह डिग्री बालाकुंडा जूनियर बेसिक स्कूल से प्राप्त की थी। लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान निशीथ ने जो हलफनामा पेश किया, उसमें कहा गया है कि उनकी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता सेकेंडरी है। वह लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ के छात्र थे। और तृणमूल ने इन दोनों तथ्यों को सार्वजनिक कर सवाल उठाया है।

बंगाल के भाजपा नेता निशीथ प्रामाणिक, जो 2019 में कूचबिहार लोकसभा सीट से जीतने के बाद संसद सदस्य के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, को 7 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

प्रामाणिक उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी से बीजेपी में छलांग लगाई थी। उत्तरी बंगाल के जलपाईगुड़ी में पैदा हुए 35 वर्षीय प्रामाणिक के पास बीसीए की डिग्री है और वह एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक थे।

प्रामाणिक उन भाजपा सांसदों में से एक थे, जिन्होंने हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और सांसद के रूप में बने रहने का फैसला किया।

उन्होंने विधायक के रूप में शपथ नहीं ली और बाद में कहा कि वह भाजपा नेतृत्व के निर्देश के अनुसार सांसद बने रहेंगे। प्रमाणिक ने दिनहाटा सीट से चुनाव लड़ा था और 57 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

प्रामाणिक उन चार मौजूदा भाजपा सांसदों में से एक थे जिन्हें पार्टी ने इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में उतारा था। भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने शांतिपुर विधानसभा सीट जीती थी, लेकिन विधायक के रूप में शपथ नहीं लेने का फैसला किया। अन्य दो मौजूदा लोकसभा सांसद - बाबुल सुप्रियो और लॉकेट चटर्जी - और राज्यसभा के पूर्व सदस्य स्वपन दासगुप्ता सभी ने विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे।

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