चीन की दादागिरी पर मूकदर्शक बनी रही मोदी सरकार, कांग्रेस ने लगाया आरोप

कांग्रेस ने कहा, मोदी सरकार को याद रखना चाहिए कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में गोपनीयता या चुप्पी अस्वीकार्य है...

Update: 2020-06-16 17:37 GMT

जनज्वार। कांग्रेस ने मंगलवार 16 जून को मोदी सरकार पर लद्दाख में अप्रैल से मई तक तीन जगहों (प्वाइंट्स) पर चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर 'मूकदर्शक' बने रहने का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक दिन पहले गलवान घाटी के इलाके में चीनी सेना से हुई झड़प में भारतीय सेना के 3 जवानों के शहीद होने के बाद जारी बयान में कहा, "मोदी सरकार मूकदर्शक बनी रही है।"

बयान में कहा गया, "भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। गलवान घाटी और पैंगॉन्ग त्सो झील क्षेत्र (लद्दाख) में चीन द्वारा हजारों सैनिकों को भेजे जाने की रिपोर्ट ने हमारी क्षेत्रीय अखंडता पर दुस्साहसिक प्रयास के रूप में पूरे देश को झटका दिया है।"

सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है, 'चीनी सैनिकों द्वारा हमला कर हमारे उच्च सैनिक अधिकारी व जवानों को हताहत करने की खबरों से पूरा देश क्षुब्ध है, शौकाकुल है व रोष में है पर प्रधानमंत्री मोदी जी और रक्षा मंत्री ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। क्या यही राजधर्म है?'

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया और इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए.के एंटनी की बात को दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आगे आएं और चीन के साथ गतिरोध के बारे में देश को बताएं।

कांग्रेस ने सरकार से मांग की कि प्रधानमंत्री अब देश को यह बताने के लिए आगे आएं कि सरकार इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से कैसे पार पाएगी।

पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार को याद रखना चाहिए कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में गोपनीयता या चुप्पी अस्वीकार्य है। कांग्रेस का मानना है कि पूरा देश राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता की हर कीमत पर हिफाजत पर एकजुट है।

कांग्रेस ने कहा कि भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले चार दशकों में एक भी भारतीय सैनिक की संघर्ष में मृत्यु नहीं हुई थी। 

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