सवा सौ से ज्यादा समाजवादी विचारकों-कार्यकर्ताओं ने की सांसदों से विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देने की अपील

समाजवादी विचारकों-कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक विचारधाराओं के सभी सांसदों से अपील की है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर और इस प्रकार हमारे संविधान में निहित महानतम भारतीय मूल्यों को अक्षुण्ण रखते हुए, भारत गणराज्य के उपराष्ट्रपति पद के लिए न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी का तहेदिल से समर्थन करें...

Update: 2025-08-30 14:50 GMT

इंदौर। देश के सवा सौ से ज्यादा राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं पत्रकारों विचारकों और विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी ने उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देने के लिए एक अपील जारी की है। इस अपील में देश के सभी सांसदों से अपील की गई है कि वह राजनीतिक दलों की बंदी को त्याग कर उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को अपना समर्थन एवं वोट दें, जिससे देश में धर्मनिरपेक्ष राजनीति को बल मिले साथ ही वोट चोरी कर सत्ता में बैठे लोगों को करारा जवाब मिले।

अपील करने वालों में डॉक्टर जी.जी. पारीख, जगदानंद सिंह ,माता प्रसाद पांडे, पूर्व सांसद गण श्रेयस कुमार, शिवानंद तिवारी, पंडित रामकिशन शर्मा, राजनीति प्रसाद सिंह, थम्पन थॉमस, विधायक एवं पूर्व विधायक आरपाटिल, अखिल गोगोई, डॉक्टर सुनीलम, छोटू बसवा, अबू आजमी, प्रोफेसर हरीश खन्ना, प्रकाश कलमर्दी ,प्रोफेसर आनंद कुमार, मेघा पाटकर, प्रोफेसर जी सत्यनारायण, प्रफुल्ल सामंत्रा, विजय प्रताप, अरुण श्रीवास्तव, हिम्मत सेठ, माइकल फर्नांडीज, प्रोफेसर राजकुमार जैन , की गोपाल सिंह शामिल है। मध्य प्रदेश से अपील करने वालों में रामबाबू अग्रवाल, रमाशंकर सिंह, अनिल त्रिवेदी, रामस्वरूप मंत्री, अजय खरे, अनिल जैन, प्रवीण मल्होत्रा समेत कई लोग शामिल हैं।

भारतीय संविधान द्वारा निर्मित संस्थागत सुरक्षा उपायों के क्षरण के कारण हमारा लोकतंत्र अत्यंत कठिन दौर से गुज़र रहा है। यह स्तब्ध करने वाला है कि सत्ता की चाह में राजनीतिक नेतृत्व का एक वर्ग सांप्रदायिक घृणा और जातीय हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। यह उस राष्ट्र के स्वप्न के विरुद्ध है जिसने लोगों को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने के लिए प्रेरित किया था। यदि हमारे संविधान के मूल मूल्यों, स्वतंत्रता, न्याय, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के प्रति नए सिरे से प्रतिबद्धता से लोकतंत्र को मज़बूत नहीं किया गया, तो एकता और सद्भावना ख़तरे में पड़ जाएगी।

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समाजवादी विचारकों का कहना है कि राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए योग्य लोगों की आवश्यकता है और यह उत्साहजनक है कि एक प्रख्यात संविधानवादी और जनहितैषी बुद्धिजीवी न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी हमारे गणराज्य के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए सहमत हुए हैं। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी साम्राज्यवाद, औपनिवेशिक दमन और जनता के शोषण के विरुद्ध भारत के स्वतंत्रता संग्राम की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं के प्रतीक हैं। वे न केवल पूर्णतः विवेकशील, निष्पक्ष, धर्मनिरपेक्ष, संवेदनशील, मानवीय और लोकतांत्रिक हैं, बल्कि सभी के अधिकारों के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं। महान समाजवादी विचारधारा से जुड़े होने के कारण, समाजवाद, समानता और न्याय के विचार के प्रति उनका आजीवन योगदान इस महान राष्ट्र के वकीलों, कार्यकर्ताओं, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों की पूरी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है।

समाजवादी विचारकों-कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक विचारधाराओं के सभी सांसदों से अपील की है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर और इस प्रकार हमारे संविधान में निहित महानतम भारतीय मूल्यों को अक्षुण्ण रखते हुए, भारत गणराज्य के उपराष्ट्रपति पद के लिए न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी का तहे दिल से समर्थन करें। इतिहास ने सभी सांसदों को एक सुनहरा अवसर दिया है क्योंकि इस मामले में किसी भी राजनीतिक दल का व्हिप लागू नहीं होता।

अपील पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल है- डॉ. जी.जी. पारिख, मुंबई, जगदानंद सिंह, पूर्व मंत्री, बिहार, माता प्रसाद पांडे, पूर्व मंत्री,राजा पटेरिया, पूर्व मंत्री,एम.वी. श्रेयम्स कुमार एक्स. एमपी,शिवानंद तिवारी, पूर्व सांसद,पं. राम किशन शर्मा, पूर्व सांसद, राजस्थान,राजनीति प्रसाद, पूर्व सांसद, थम्पन थॉमस, पूर्व सांसद, केरल,डॉ. सुनीलम, पूर्व विधायक, मप्र, छोटू बसावा, पूर्व विधायक, गुजरात,अबू आजमी, पूर्व विधायक,प्रदीप चौबे, पूर्व विधायक, छ.ग,बी. आर. पाटिल, विधायक, कर्नाटक,प्रो. हरीश खन्ना, पूर्व विधायक, दिल्ली, डॉ. प्रकाश कन्मरडी, पूर्व अध्यक्ष कृषि आयोग, चंचल भू, पूर्व अध्यक्ष, भूसू, उ.प्र, रूपरेखा वर्मा, पूर्व वीसी, लखनऊ विश्वविद्यालय,प्रो. चितरंजन मिश्र, पूर्व पीवीसी, वर्धा विश्वविद्यालय,न्यायमूर्ति एम. शशिधरन नांबियार, न्यायमूर्ति अभय थिप्से, एसएम अतिरिक्त डीआइजी महाराष्ट्र (सेवानिवृत्त),जस्टिस नलावडे टीवी, जस्टिस वामन राव, न्यायमूर्ति कोलसे पाटिल,अनिल नौरिया, अधिवक्ता एससी, विनोद पय्यादा, अधिवक्ता, पन्ना लाल सुराणा, महाराष्ट्र, रवेला सोमाया, हैदराबाद, सचिदानंद सिन्हा, बिहार, प्रो. राजकुमार जैन, दिल्ली, विजय नारायण, बनारस,प्रोफेसर आनंद कुमार, गोवा, कुमार सप्तऋषि, पुणे, मेधा पाटकर, म.प्र, प्रो. जी. सत्य नारायण, हैदराबाद, प्रो. विनय भारद्वाज, दिल्ली, प्रफुल्ल सामन्त्रा, ओडिशा, प्रो. शशि शेखर, दिल्ली, टी. गोपाल सिंह, हैदराबाद, पी. रेजिनार्क, केरल, विजय प्रताप. दिल्ली, प्रो. अजीत झा, दिल्ली, अरुण श्रीवास्तव, गोरखपुर, राकेश कुरनार, नगर परामर्शदाता,दिल्ली, हिम्मत सेठ, उदयपुर, महेंद्र शर्मा, गुरूग्राम, मंजू मोहन, दिल्ली, माइकल फर्नांडीस, बेंगलुरु, एस.आर. हिरेमथ, कर्नाटक, अखिल गोगोई, असम,राजनाथ शर्मा,बाराबंकी,यूपी, कलानंद मणि, गोवा, शाहीद कमाल, बिहार, आनंद मिश्रा, सीजी, अली बाबा, बेंगलुरु, अनिल त्रिवेदी, इंदौर, डॉ. प्रवीण मल्होत्रा, उज्जैन, म.प्र, अजय खरे, रीवा, म.प्र, राम बाबू अग्रवाल, इंदौर, मप्र, विजयराघवन चेलिया, संपादक, डॉ. के. श्रीकुमार, सीयूएसएटी, कोच्ची, डॉ. महेश मंगलात माहे, दीपक मिश्रा, लखनऊ, शिल्पी चौधरी,प्रज्ञा सिंह, लिंगराज, डॉ. सुरेश खैरनार,विजया चौहान, गुड्डी, मुम्बई, अनिल जैन, इंदौर, जय शंकर गुप्ता, दिल्ली, अरविन्द मोहन, संजय सिंह, सुभाष लोमटे,सुभाष वेयर, सुरेश सिंह, राजेंद्र राजन, सुजाता चौधरी, मो. शोएब, सोनल शाह, राजाराम तोलपाडी, संदीप पांडे, आईडी खजूरिया, अनवर राजन, रतुल चौधरी, मधुरेश कुमार, अमूल्य निधि, आशीष रंजन, कामायनी स्वामी, जयन्त जिज्ञासु, सुरेंद्र कुमार, अनुपम,प्रभात सिंह, मो. अंसारी, कुमार चंद्र मार्डी, अख़लाक़, गुंजन सिंह,अलीमुद्दीन अंसारी, रमाशंकर सिंह, राजेश सिंह,शत्रुघ्न सिंह यादव, हरिशंकर गुप्ता, निसार अहमद, राजीव रंजन उपाध्याय,अश्विनी पांडे, प्रो. रणधीर गौतम, दिल्ली,जोशी जैकब, केरल,सुधेंदु पटेल, जयपुर, आशा पटेल, जयपुर, जसपाल सिंह दुग्गल, अमर सिंह, संजय कनौजिया, श्याम गंभीर, मदन लाल हिन्द,अनिल सिन्हा, पुणे,प्रो अरमान अंसारी,शहनवाज कादरी, रामस्वरूप मंत्री, म.प्र, विनय कुमार सिन्हा, सुभाष भटनागर, विकास देश पांडे, एम्ब्ली ओमनकुट्टन, केरल, प्रो. अनिल मिश्र, जयंती पांचाल, प्रान्तीय अध्यक्ष, गुजरात मजदूर पंचायत शामिल हैं।

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