Mumbai News : नवाब मालिक और अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत, राज्यसभा चुनाव में नहीं डाल पाएंगे वोट

Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार सुबह को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए जेल से रिहा करने की अनुमति मांगी थी...

Update: 2022-06-10 09:21 GMT

Mumbai News : नवाब मालिक और अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत, राज्यसभा चुनाव में नहीं डाल पाएंगे वोट

Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) और अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) में वोट देने के लिए फिलहाल किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज शुक्रवार सुबह को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए जेल से रिहा करने की अनुमति मांगी थी। बता दें कि नवाब मलिक ने याचिका में कहा था कि या तो उन्हें बांड पर हिरासत से रिहा किया जाए या मतदान के लिए पुलिस के साथ विधान भवन जाने की अनुमति दी जाए।

याचिका में जमानत शब्द का उल्लेख नहीं

बता दें कि न्यायमूर्ति पी. डी. नाइक की एकल पीठ ने कहा है कि हालांकि, नवाब मलिक ने याचिका में 'जमानत' शब्द का उल्लेख नहीं किया है, फिर भी उनकी याचिका का आशय जमानत की अनुमति ही था, इसलिए उन्हें विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अपील करनी चाहिए। जिसने बृहस्पतिवार को नवाब मलिक को अस्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायलय ने कहा कि वह नवाब मलिक की याचिका को स्वीकार कर गलत उदाहरण पेश नहीं करना चाहता। 

दोपहर के सत्र में होगी नई याचिका पर सुनवाई

बता दें कि नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने कहा था कि वो जमानत की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि वोट देने का अधिकार देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में यह मतदान महत्वपूर्ण है। वकील अमित देसाई ने आगे कहा कि अगर लड़ाई करीबी नहीं होती तो वो वोट देने की अनुमति नहीं मांगते लेकिन कोर्ट ने उस पर राहत देने से इनकार कर दिया है। हालांकि दोपहर के सत्र में याचिका पर नई मांग को लेकर दोबारा सुनवाई होगी। 


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