नेहरू की जगह सावरकर को मिली कर्नाटक सरकार के हर घर तिरंगा अभियान के विज्ञापन में जगह

मोदी सरकार के तिरंगा अभियान के तहत कर्नाटक सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया है। इस विज्ञापन में देश की आजादी में भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को जगह दी गई है...

Update: 2022-08-15 08:28 GMT

नेहरू की जगह सावरकर को मिली कर्नाटक सरकार के हर घर तिरंगा अभियान के विज्ञापन में जगह, भड़की कांग्रेस पार्टी

बीजेपी सरकार द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। जिसके चलते सरकार सभी से यह अनुरोध कर रही है कि सभी अपने घर की छतों पर तिरंगा जरूर लगाए। मोदी सरकार के तिरंगा अभियान के तहत कर्नाटक सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया है। इस विज्ञापन में देश की आजादी में भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को जगह दी गई है। पर राज्य सरकार के इस विज्ञापन में देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जगह नहीं दी गई। इस विज्ञापन में जवाहर लाल नेहरू की जगह विनायक सावरकर को जगह दी गई है।

कांग्रेस पर साधा निशाना

यह विज्ञापन कर्नाटक सरकार द्वारा 14 अगस्त 2022 को छापा गया जिसके बाद कांग्रेस सरकार भड़क गई और इस पर अपनी तीखी प्रक्रिया भी दी। भाजपा ने अपने एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के मौके पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में विभाजन के लिए कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्टों को दोषी ठहराया गया है। इस वीडियो के साथ बीजेपी ने लिखा, जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था। उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी। उस समय कहां थे वे लोग जिन पर इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ संघर्ष करने की जिम्मेदार थी।

कांग्रेस के महासचिव ने किया पलटवार

भाजपा के इस वीडियो का जवाब देते हुए कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के पीछे प्रधानमंत्री की वास्तविक मंशा दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना है। लाखों लोग विस्थापित हुए और अपनी जान गंवाई। उनके बलिदानों को भुलाया नहीं जाना चाहिए या उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे लिखा क्या प्रधानमंत्री आज जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करेंगे, जिन्होंने शरत चंद्र बोस की इच्छा के खिलाफ बंगाल के विभाजन का समर्थन किया था और स्वतंत्र भारत के पहले कैबिनेट में शामिल हुए। जब विभाजन के दर्दनाक परिणाम साफ तौर पर सामने आ रहे थे। कांग्रेस नेता ने एक और ट्वीट में लिखा, देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल और अन्य नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को एकजुट करने का प्रयास जारी रखेगी। नफरत की राजनीति हारेगी।

विज्ञापन पर जताई कड़ी आपत्ति

कांग्रेस ने कर्नाटक में समाचार पत्रों में प्रकाशित सरकारी विज्ञापन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में शामिल नहीं किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने ट्वीट किया। जब हमने सोचा कि अंग्रेजों के जाने के साथ दासता समाप्त हो गई, कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने यह दिखाकर सभी को गलत साबित कर दिया कि वह अभी भी आरएसएस के गुलाम हैं।

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