महाराष्ट्र की राजनीति में नये संकेत, फडणवीस ने शिवसेना को बताया दोस्त, राउत बोले- हम आमिर-किरण की तरह

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना हमारी शत्रु नहीं है, वैचारिक मतभेद हैं, जिसके बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक दिलचस्प जवाब दिया है...

Update: 2021-07-05 08:42 GMT

(महाराष्ट्र में क्या बदल रहे राजनीतिक समीकरण)

महाराष्ट्र जनज्वार। कहते है राजनीति में नया कोई स्थायी दुश्मन होता है ना ही दोस्त। महाराष्ट्र की राजनीति भी कुछ ऐसे ही संकेत दे रही है। दरअसल, सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शिवसेना को दिये एक बयान ने हलचल बढ़ा दी है। रविवार को दादर स्थित वसंत स्मृति भवन में मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि शिवसेना हमारी शत्रु नहीं है, वैचारिक मतभेद हैं।

अब फडणवीस के बयान पर शिवसेना सांसद संजय राउत का एक दिलचस्प जवाब आया है, उन्होंने कहा कि भाजपा-शिवसेना का रिश्ता आमिर खान-किरण राव की तरह है। हालांकि, उन्होंने एनसीपी, कांग्रेस के साथ गठबंधन वाली सरकार को पूरी तरह से मजबूत बताया है।

आमिर-किरण की तरह बीजेपी-शिवसेना- राउत

5 जुलाई सोमवार से विधानसभा का दो दिवसीय मॉनसून सत्र शुरू हुआ। इस विशेष सत्र से पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना को लेकर जो भी कहा, उससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया।

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना हमारी दुश्मन नहीं, बस वैचारिक मतभेद है। वे हमारे दोस्त थे और जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी, उन्होंने उनके साथ मिलकर सरकार बनाई और हमें छोड़ दिया। राजनीति में सब कुछ स्थाई नहीं होने की बात करते हुए कहा कि पॉलिटिक्स में किंतु-परंतु नहीं होता है। परिस्थितियों के हिसाब से फैसले लिए जाते हैं।'

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि शिवसेना ने हमारे साथ 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंसने उन्हीं लोगों (NCP और कांग्रेस) से हाथ मिला लिया, जिनके खिलाफ हमने चुनाव लड़ा था। हालांकि, इस दौरान उन्होंने शिवसेना से किसी तरह की चर्चा शुरू होने से साफ इनकार किया है। बता दें कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ फडणवीस आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं, लेकिन शिवसेना को लेकर उनका रवैया नरम हो गया है।


इधर सोमवार को नेता प्रतिपक्ष के इस बयान पर शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत की प्रतिक्रिया ने इसे और दिसचस्प बना दिया। उन्होंने कहा, 'हम भारत-पाकिस्तान जैसे नहीं हैं। आमिर खान और किरण राव को देखिए, हम उनके जैसे हैं। शिवसेना-बीजेपी की राजनीतिक राहे अलग हैं, लेकिन हमारी दोस्ती अभी भी कायम है।'

हालांकि, बीजेपी से नजदीकियों की खबरों को नकारते हुए शिवसेना प्रवक्ता राउत ने कहा, जितनी अफवाहें फैलेंगी, महाविकास अघाड़ी गठबंधन और मजबूत होगा। शिवसेना-बीजेपी के कुछ राजनीतिक और वैचारिक मतभेद जरूर हैं, लेकिन हम किसी पब्लिक फंक्शन में एक-दूसरे के सामने आते हैं तो जरूर मिलते हैं।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंन्द्र फडणवीस के बयान पर महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'यह 100 फीसदी सही है कि भाजपा-शिवसेना दुश्मन नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों साथ आकर सरकार बनाने जा रहे हैं।'

उल्लेखनीय है कि काफी लम्बे समय तक दोस्त रहे और एनडीए का हिस्सा रही शिवसेना और बीजेपी के बीच कुछ पकने की चर्चा रही है। बीते महीने दिल्ली में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ऐसी बातों को ज्यादा हवा मिली। हालांकि, इस मुलाकात पर उद्धव ठाकरे ने मीडिया को बताया था कि उनके बीच मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अकेले में बातचीत हुई। इसके बाद शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की थी। वहीं बीते कुछ दिनों में दोनों पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी में थोड़ी नरमी देखी जा रही है।

शिवसेना-बीजेपी की नजदीकियों पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) भी सक्रिय हुए थे और उन्होंने शिवसेना को अपना वादा निभाने की याद दिलाई थी। वही पिछले हफ्ते शरद पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। इस दौरान कैबिनेट मंत्री जीतेंद्र आव्हाड, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और आदित्य ठाकरे भी वहां मौजूद रहे। इसके बाद भी गठबंधन में अनबन की खबरें सामने आई थीं।

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