Nitin Gadkari : क्या भाजपा में मोदी-शाह को खटकने लगे हैं गडकरी, आरएसएस ने भी दी चेतावनी !
Nitin Gadkari : क्या मोदी-शाह की राह का कांटा बनते गडकरी के पर कतरने के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड से हटाने का लिया गया था फैसला....
Nitin Gadkari : भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मोदी सरकार के एकमात्र ऐसे मंत्री हैं, जिनके विभाग के कार्यों की सराहना विपक्ष भी करता रहा है और जो अब तक के अपने कार्यकाल में साबित करते रहे हैं कि उनके पास रीढ़ की हड्डी सही सलामत है। भाजपा के दूसरे नेता जहां मोदी-शाह के जरखरीद गुलाम की भूमिका निभाते रहे हैं, वहीं समय समय पर अपनी स्वतंत्र राय व्यक्त कर मोदी-शाह को नाराज करते रहे हैं। उनको एक तबका मोदी के विकल्प के रूप में भी पेश करता रहा है। यह साफ है कि मोदी-शाह की राह में गडकरी एक कांटा बनते जा रहे थे और उनके पंख कतरने के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड से उन्हें हटाने का फैसला ले लिया गया। इसके पर्याप्त संकेत मिल रहे हैं कि अब भाजपा से गडकरी की राह अलग हो सकती है।
नितिन गडकरी को पार्टी के संसदीय बोर्ड से हटाने का आश्चर्यजनक निर्णय आरएसएस नेतृत्व की सहमति से लिया गया, जो वरिष्ठ मंत्री के "आउट ऑफ टर्न" और बेबाक टिप्पणी करने की प्रवृत्ति से नाराज थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है।
भाजपा के कई वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार, संघ नेतृत्व ने भाजपा के पूर्व प्रमुख गडकरी को उनकी टिप्पणी करने की प्रवृत्ति के प्रति आगाह किया था, जो उन्हें सुर्खियों में लाता था, लेकिन विरोधियों और अन्य लोगों द्वारा इसका इस्तेमाल केंद्र में पार्टी और सरकार के साथ-साथ संघ की शर्मिंदगी का कारण बनने के लिए किया जाता रहा था। गडकरी की ओर से ध्यान न देने से निराश होकर आरएसएस ने भाजपा नेतृत्व को बताया कि वह संसदीय बोर्ड से मंत्री को हटाने सहित उचित कार्रवाई करे, जो संघ से निकटता के लिए जाने जाते हैं।
संघ के सख्त रुख ने भाजपा नेतृत्व की मदद की, जो पहले से ही गडकरी द्वारा निर्भीकता के प्रदर्शन से पहले से ही नाराज था, उन्हें पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय से हटाने का मन बना लिया।
"कहीं-कहीं वह किसी की परवाह नहीं करने वाले व्यक्तित्व के प्रतीक बन गए, जिसे उन्होंने अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के कारण हासिल किया। उन्होंने खुद को एक स्वायत्त इकाई के रूप में पेश करने का आनंद लेना शुरू कर दिया, जिस पर नियमित रूप से नियम लागू नहीं होते थे," एक सूत्र ने कहा।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने गडकरी का पक्ष लेने की कोशिश की, लेकिन उनके कार्यालय ने कहा कि मंत्री इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। सूत्रों ने कहा कि भाजपा और संघ नेतृत्व दोनों इस बात पर सहमत हैं कि किसी को भी संगठनात्मक आचरण के नियमों के अपवाद की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
नागपुर में पिछले महीने एक समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह कहकर हंगामा खड़ा कर दिया कि उनका अक्सर 'राजनीति छोड़ने' का मन करता है, क्योंकि उनका मानना है कि 'जीवन में और भी बहुत कुछ है।'
संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने को कई लोग एक कड़े कदम के रूप में देखते हैं, लेकिन सूत्रों ने कहा कि आरएसएस और भाजपा दोनों के नेतृत्व को लगता है कि अगर मंत्री ने भगवा आकाओं के मूड को गलत तरीके से पढ़ा तो और परिणाम सामने आ सकते हैं।
एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "यह केवल सार्वजनिक रूप से उनके बयान ही नहीं हैं, जिन्होंने सुर्खियां बटोरीं। वह अक्सर निजी तौर पर भी लाइन से बाहर हो जाते थे, जिससे सरकार और पार्टी को असुविधा होती थी।"
गडकरी की तुलना में भाजपा नेतृत्व के साथ संघ के एकजुट होने का दावा कुछ हलकों में इस टिप्पणी के विपरीत है कि उनके खिलाफ कार्रवाई भाजपा आलाकमान और नागपुर स्थित आरएसएस नेतृत्व के बीच तनाव का संकेत है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा, "इसके विपरीत, यह आरएसएस था जो अक्सर इस आचरण पर अधिक नाराज होता था क्योंकि नितिनजी ऐसा नहीं करने के लिए सलाह देने के बावजूद उसी तरह की टिप्पणी करते थे।"
हालांकि तमाम अटकलों के बीच जब आप सांसद संजय सिंह द्वारा नितिन गड़करी द्वारा पार्टी छोड़ने के कयास लगाते हुए उनका एक पुराना भाषण शेयर किया गया तो वह चेतावनी के मूड में आ गये। नितिन गडकरी ने बिना किसी का नाम लिए चेतावनी दी है कि गलत संदर्भ में उनके भाषण को पेश किया जा रहा है। ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह कानूनी ऐक्शन लेने में भी संकोच नहीं करेंगे। एक के बाद एक कई ट्वीट में गडकरी ने कहा कि उनके खिलाफ झूठा प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'राजनीतिक लाभ के लिए आज एक बार फिर मेरे खिलाफ नापाक और मनगढ़ंत अभियान के तहत कुछ मेनस्ट्रीम मीडिया, सोशल मीडिया और कुछ व्यक्तियों की ओर से एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए मेरे बयानों को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।'
गडकरी ने ट्वीट किया है, हालांकि, मैं फ्रिंज एलिमेंट्स के ऐसे दुर्भावनापूर्ण एजेंडे से कभी परेशान नहीं होता, लेकिन मैं यहां सभी संबंधित लोगों को चेतावनी देते हूं कि यदि ऐसी शरारत जारी रही तो मैं अपनी सरकार, पार्टी और हमारे लाखों मेहनती कार्यकर्ताओं के व्यापक हित में उन्हें कानून के दायरे में ले जाने से नहीं हिचकिचाऊंगा। इसलिए, मैंने असल में जो कहा था उसका लिंक साझा कर रहा हूं।' गडकरी ने ट्वीट के साथ वह पूरा भाषण भी साझा किया है, जिसके कुछ हिस्से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।