हे महामानव, हे दिव्य ज्ञानी, हे विज्ञानी....देश तड़प रहा है, ताली पीटने को, थाली बजाने को, 9 ठो दिया जलाने को
महामानव को नोबल चाहिए या विश्वा नेता का खिताब, गांधी बन कर अमरत्व पानी की ख्वाहिश। मानवता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध एक योगी ने टीका 80 देशों को बाँट दिया। खुद टीका उत्सव मनाने के समय टीका खत्म...
जनज्वार। मुंबई में 7 कोरोना संक्रमित ऑक्सीजन की कमी से मर गए। बिहार समेत कई राज्य ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी से जूझ रहे है। रेमदिसिवर मेडिसिन के लिए लोग परेशान है। सरकार के पास कोरोना फंड का पैसा भी बहुत है। कोरोना से लड़ने का काम केंद्र और राज्य को मिल कर करना है। राज्य कोरोना से लड़ने में विफल हो चुके है। मोदी-शाह ममता से लड़ रहे है। ताली-थाली-दीया की अपार सफलता के बाद जनता अब कोरोना से स्वयं लड़ रही है। मतलब, लड़-लड़ कर मर रही है।
007 जेम्स बांड बंगाल चुनाव के बाद आएँगे, कोरोना को डांट पिलाएंगे, कोरोना भाग जाएगा। जनता फिर चिल्लाएगी, मोदी, मोदी, मोदी.... मोदी...
1 साल का समय था। कुछ तैयारी कर लेते, तो किया ना। सारे तृणमूल वालों को भाजपा में शामिल कराया। केंद्र की हर मशीनरी इस काम में जी-जान से जुटी रही। बंगाल चुनाव आ गया। उससे पहले टीका भी आ गया। टीका लग भी गया। लगाने के बाद भी लोग संक्रमित होते रहे, क्यों, होते रहे, पता नहीं? महामानव को नोबल चाहिए या विश्वा नेता का खिताब, गांधी बन कर अमरत्व पानी की ख्वाहिश। मानवता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध एक योगी ने टीका 80 देशों को बाँट दिया। खुद टीका उत्सव मनाने के समय टीका खत्म।
अगले साल तक महामानव को नोबल मिल जाएगा, तब तक कोरोना भाग चुका होगा और जनता फिर चिल्लाएगी, मोदी, मोदी, मोदी.... मोदी...
कुछ निष्पक्ष किस्म के पत्रकारों ने, इंसानों ने आवाज उठाई, पैसा नहीं है तो धार्मिक संस्थाओं से पैसे लो। मंदिर से लो, मस्जिद से लो, चर्च से लो, सब से लो, पद्मनाभ मंदिर का सोना ले लो, लेकिन सबको ऑक्सीजन तो दो। तो भाई पहले पीएम केयर फंड का तो हिसाब दो। कहाँ गए लाखों वेंटीलेटर, कहाँ गया ऑक्सीजन का सिलिंडर? इटली वाली सोनिया एन्तिनियो माइनो पैसा ले कर भाग गयी या राहुल गांधी अपनी छुट्टी के लिए पैसा घपला कर गया?
खैर, मोदी जी अगले दो-तीन दिन में ही झोली का मुंह खोलेंगे, पैसा गिरेगा, अदानी ओक्सीजन बनाएगा और जनता फिर चिल्लाएगी, मोदी, मोदी, मोदी.... मोदी...
प्रभो, महामानव, हे दिव्य ज्ञानी, हे विज्ञानी....देश तड़प रहा है, ताली पीटने को, थाली बजाने को। मैं आसमान से फ्रंट वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स पर फिर से पुष्प वर्षा करना चाहता हूँ। 9 ठो दीया भी जलाना चाहता हूँ। महामानव बोलिए, मुंह खोलिए, खाली बंगाल में बोलेंगे। आज्ञा दीजिए प्रभु। बिजली भी बंद कर के जलाना है। लॉक डाउन कब से लगाएंगे प्रभो? जल्दी लगाइए, फेसबुक वाल जलेबी, गुलाबजामुन और दोसा की तस्वीरों को बड़ा मिस कर रहा है। अहा, क्या पारिवारिक एकजुटता वाला नजारा था। इसके आगे, ख़ाक अर्थव्यवस्था, ख़ाक बीमारी, ख़ाक जीवन, खाक मौत।
बस, 13 दिन और, कोरोना पर मोदी-शाह प्रहार करेंगे। यूनेस्को भारत को पहला कोरोना मुक्त राष्ट्र घोषित करेगा। जनता फिर चिल्लाएगी, मोदी, मोदी, मोदी.... मोदी...
डिस्क्लेमर- यह लेख शशि शेखर की एफबी वाल से लिया गया है। यह उनके निजी विचार हैं, जनज्वार किसी कि आलोचना नहीं करता है।