UP में BJP को सिर्फ दलित दे सकते हैं मात, गोरखपुर से अंबेडकर जनमोर्चा की प्रत्याशी दलित बेटी सीमा गौतम लड़ रहीं मेयर का चुनाव

UP Nikay Chunav 2023 : गोरखपुर नगर निगम के चुनाव मे मेयर पद पर पहली बार एक गरीब दलित की बेटी सीमा गौतम चुनाव लड़ रही हैं। मोर्चा ने पर्चे में लिखा है, यह सीट सामान्य है, पर वह यहां से हिम्मत व हौसले के साथ धनपशुओं और मनबढ़ों को खुली चुनौती दे रही हैं...

Update: 2023-04-21 17:34 GMT

UP Nikay Chunav 2023 : यूपी निकाय चुनावों के लिए सभी पार्टियों समेत निर्दलियों संगठनों ने कमर कस ली है। योगी के यूपी में जहां मुख्य राजनीतिक पार्टियां दम खम के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं, वहीं अंबेडकर जनमोर्चा ने अपना प्रत्याशी दलित युवती सीमा गौतम को बनाया है।

सीमा गौतम को प्रत्याशी बनाते हुए अपने पर्चे में अंबेडकर जनमोर्चा ने दावा किया है। यहां से सपा हर बार लड़ी है, हर बार हारी है। बसपा हर बार लड़ी है, हर बार हारी है। कांग्रेस हर बार लड़ी है, हर बार हारी है। दलित, पिछड़े, मुसलमान समाज ने उक्त तीनों पार्टियों को हर बार वोट दिया पर जीत कभी नही मिली। प्रयोग तो आप ने हर बार किया, पर जीत कभी नही मिली। एक प्रयोग, एक प्रयास आप अम्बेडकर जन मोर्चा का साथ देकर करिये।

गौरतलब हे कि गोरखपुर नगर निगम के चुनाव मे मेयर पद पर पहली बार एक गरीब दलित की बेटी सीमा गौतम चुनाव लड़ रही हैं। मोर्चा ने पर्चे में लिखा है, यह सीट सामान्य है, पर वह यहां से हिम्मत व हौसले के साथ धनपशुओं और मनबढ़ों को खुली चुनौती दे रही हैं।

अंबेडकर जनमोर्चा का दावा है, पूरा दलित समाज सीमा गौतम के साथ खड़ा हो चुका है, हम चुनाव जीत रहे हैं। दलित की बेटी अगर गोरखपुर की मेयर बनती है तो भाजपा उत्तर प्रदेश से खत्म हो जाएगी। मोर्चे का दावा है, जब भी भाजपा हारेगी, उसे हराने वाला दलित ही होगा।

गौरतलब है कि अम्बेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवन कुमार निराला ने कहा है कि दलित की बेटी सीमा गौतम गोरखपुर की मेयर बनी तो तीस दिन के अन्दर गोरखपुर के निवर्तमान मेयर और एक पूर्व मेयर जेल जायेंगे।

श्रवण कुमार निराला ने एक कार्यकर्ता बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोरखपुर नगर निगम का यह दुर्भाग्य रहा है कि गोरखपुर का मेयर कोई ऐसा नहीं हुआ जो शहरी गरीबों के हित के बारे में सोचे। उनका जनता से कभी जुड़ाव भी नहीं रहा है। गोरखपुर में मेयर अब तक सिर्फ धनपशु ही बने, जो एक राजनीतिक मठाधीश को पूज कर बने, पूर्व के सभी मेयर चुकी धनबली और डाड़ीमार चोर थे इसलिए उनका मंशा सिर्फ यह रहता था कि उनके ऊपर एक मेयर का लेबल लग जाय और जिन्दगी भर वो पूर्व मेयर साहब कहलायें, इसलिए उनका जनता से कोई मतलब भी नहीं रहा।

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