P. Chidambaram : मंदिरों के गौरव गान में जुटे मोदी कब करेंगे शिक्षा के इन मंदिरों की चिंता

P. Chidambaram : चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा मोदी सरकार की ओर से साल के अंत में एक और तोहफा: केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में शिक्षण के 10,000 से अधिक पद खाली हैं। इनमें से 4126 एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित हैं.....

Update: 2021-12-18 07:21 GMT

Goa News : P Chidambaram ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए क्यों कहा - ' राजनीति के थोक खरीददार एक दिन भारत के सभी विधायकों को खरीद लेंगे '

दिनकर कुमार की रिपोर्ट

P. Chidambaram। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और मुस्लिम विद्वेष के एजेंडे के सहारे कारपोरेट आकाओं की तिजौरी भरने में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंदिरों के गौरव गान को ही अपना प्रमुख कर्तव्य समझ रहे हैं जबकि देश की शिक्षा व्यवस्था रसातल में समाती जा रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P. Chidambaram) द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी (IIT) और आईआईएम (IIM) में शिक्षकों के रिक्त पदों पर सरकार को फटकार लगाने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र एक बार फिर आलोचना की चपेट में है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) को सूचित किया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में 10,000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं।

चिदंबरम ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह "मोदी सरकार की ओर से साल के अंत का तोहफा है।" चिदंबरम ने ट्वीट किया, "मोदी सरकार की ओर से साल के अंत में एक और तोहफा: केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में शिक्षण के 10,000 से अधिक पद खाली हैं। इनमें से 4126 एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित हैं।"

दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, "हमने सोचा कि शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाना उनका प्राथमिक उद्देश्य है, मुझे आश्चर्य है कि ये संस्थान पर्याप्त शिक्षकों के बिना क्या करते हैं।"

केंद्र सरकार ने संसद को दिए अपने जवाब में कहा है कि विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों के 10000 से अधिक पद खाली हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार से राज्यसभा के एक सदस्य द्वारा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में उपलब्ध रिक्तियों के बारे में पूछा गया, जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि 10000 से अधिक रिक्तियां हैं।

इसका जवाब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद के ऊपरी सदन में दिया। प्रधान ने संसद को बताया कि विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 6535 पूर्णकालिक शिक्षण पद, 20 आईआईएम में 403 रिक्त पद और देश भर के विभिन्न आईआईटी में 3876 रिक्त पद हैं। यह पहली बार नहीं है जब केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में शिक्षण कर्मचारियों की भारी कमी को स्वीकार किया है।

इससे पहले संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session)  में शिक्षा मंत्रालय ने सदन को सूचित किया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्तियों की हिस्सेदारी कुल शिक्षण पदों का 40 प्रतिशत है। शिक्षा की गुणवत्ता और योग्य उम्मीदवारों को सुरक्षित रोजगार की अनुपलब्धता जैसी चुनौतियों के अलावा शिक्षण कर्मचारियों की कमी ने भी देश के हाशिए के वर्गों के उम्मीदवारों को प्रभावित किया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी उम्मीदवारों के रिक्त पदों की कुल संख्या 1015, एसटी उम्मीदवारों के लिए 590 और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 1767 है। इसी तरह, विभिन्न आईआईटी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों से संबंधित रिक्त पदों की संख्या क्रमशः 183, 32 और 462 है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि आरक्षित श्रेणियों से संबंधित रिक्त पदों की संख्या 27 (एससी), 5 (एसटी) और 45 (ओबीसी) हैं।

'कालेधन को सफेद धन करने की योजना थी नोटबंदी'

चिदंबरम ने ताजा ट्वीट में भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- गृह मंत्री का कहना है कि पिछले सात वर्षों में सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। विमुद्रीकरण कुछ लोगों को काले धन को कानूनी रूप से सफेद धन में बदलने की अनुमति देने की एक योजना थी।

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा इलेक्टोरल बॉन्ड ने रिश्वतखोरी को कानूनी कवर दिया और 95% फंड कॉरपोरेट्स द्वारा बीजेपी को 'दान' किया गया। भ्रष्टाचार को लेकर फ्रांस में राफेल सौदे की जांच चल रही है।

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