पवन खेड़ा का मोदी-शाह पर हमला, कांग्रेस को समझने के लिए कई बार लेने पड़ेंगे पुनर्जन्म, आखिर 18-19 घंटे तक उन्हें क्यों नहीं आती नींद ?
देश को यह जानना अधिकार है कि हमें यह लोग चुप क्यों कराना चाहते हैं। आखिर वो कौन से मुद्दे हैं जब हम उठाते हैं तो एक साहब हैं, जिन्हें 18-19 घंटों तक नींद ही नहीं आती है।
नेशनल हेराल्ड केस : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) गुरुवार को ईडी के सामने पेश हुईं तो दूसरी तरफ कांग्रेस ( Congress ) नेताओं और कार्यकर्ताओं का देशभर में धरना-प्रदर्शन जारी है। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और गृह मंत्री अमित शाह ( Amit shah ) पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोल दिया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोकतंत्र खतरे में है इसका ताजा उदाहरण देश में जो आज हो रहा है वो है।
पवन खेड़ा यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों में गठबंधन होना एक स्वभाविक बात है लेकिन जो अमित शाह और नरेंद्र मोदी की राजनीति का गठबंधन है वह एजेंसियों के साथ है और बड़ा स्पष्ठ दिखता है। जब भी इनकी घेराबंदी हो जाती है तो यह एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं। जांच एजेंसियों के सामने कर देते हैं।
हमें चुप कराने की साजिश
मोदी और शाह की कार्यशैली से साफ है कि चाहे वह बंगाल हो या फिर उत्तर प्रदेश हो, असम हो, कश्मीर हो, महाराष्ट्र हो या फिर राजस्थान हो। सब जगह आपको एजेंसियों की भूमिका और उस भूमिका की टाइमिंग बड़ी स्पष्ठ तौर पर दिखती है। साजिश क्या है? हमें चुप करवाने की साजिश है। हमें रोकने का षड्यंत्र है और नियत है विपक्ष मुक्त भारत का। इस बात को हम सबको स्पष्ठ तौर पर समझ लेना चाहिए।
नींद क्यों नहीं आती, कौन उठाते हैं ऐसे मुद्दे
पवन खेड़ा ने कहा कि देश को यह जानना अधिकार है कि हमें यह लोग चुप क्यों कराना चाहते हैं। आखिर वो कौन से मुद्दे हैं जब हम उठाते हैं तो एक साहब हैं, जिन्हें 18-19 घंटों तक नींद ही नहीं आती है। उन मुद्दों की वजह से नींद नहीं आती है। वह मुद्दे उठाने वाले कौन हैं? वह मुद्दे उठाने वाली कांग्रेस पार्टी है। वह मुद्दे उठाने वाले राहुल गांधी हैं। वह मुद्दे उठाने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। उन्हीं मुद्दों से इनकी नींद हराम है। इसी वजह से एजेंसियों को सुबह से शाम तक व्यस्त रखा जाता है।
प्रधानमंत्री भूल जाते हैं कि कांग्रेस पर उनका विचार उन नेताओं पर आधारित है जो उन्होंने हमसे लिए हैं। कांग्रेस पार्टी क्या है, गांधी परिवार क्या है, यह समझने के लिए उन्हें कई बार पुनर्जन्म लेना पड़ता है।
जब हम पुराना भाषण सुना देते हैं तो सिर शर्म से झुक जाता है
उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा है कि वन नेशन, वन ईलेक्शन मालूम है क्यों चाहते हैं? ताकि एक ही बार में साभी एजेंसियों का एहसान ले लें। सबको रिटायरमेंट के बाद समायोजित करना पड़ता है। यह परेशान हो जाते हैं। इन्हें नींद नहीं आती है। यह स्थिति है हमारे प्रधानमंत्री की। हम तो सिर्फ प्रधानमंत्री को उनके अपने पुराने भाषण सुना देते हैं। डॉलर, पेट्रोल, बेरोजगारी, चीन और पाकिस्तान पर। तमाम भाषण जो यह 2014 से पहले दिया करते थे अब हम उन्हें सुना देते हैं। इनका सिर शर्म से झुक जाता है।