पी.सी. चाको ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बोले टिकट वितरण को लेकर नहीं किया गया नियम का पालन
अपने इस्तीफे को लेकर चाको ने कहा, 'केरल कांग्रेस की टीम के साथ काम करना मुश्किल है।' चाको ने केरल विधानसभा चुनाव को लेकर हुए टिकट वितरण को लेकर भी नाराजगी जताई है।
जनज्वार ब्यूरो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.सी. चाको ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। पी.सी. चाको ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। केरल विधानसभा चुनाव के दौरान पी.सी. चाको का यह इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पीसी चाको ने खुद इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, "मैंने कोंग्रस पार्टी छोड़ दी है और अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है"।
अपने इस्तीफे को लेकर चाको ने कहा, 'केरल कांग्रेस की टीम के साथ काम करना मुश्किल है।' चाको ने केरल विधानसभा चुनाव को लेकर हुए टिकट वितरण को लेकर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण को लेकर किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया।
पीसी चाको केरल के त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। पी.सी. चाको ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। केरल स्टूडेंट यूनियन से अपनी राजनितिक पारी की शुरुआत करने के बाद वे इंडियन यूथ कांग्रेस के केरल अध्यक्ष बने। 1980 के केरल विधानसभा चुनाव में पीरावम सीट से जीत दर्ज कर चाको केरल सरकार में मंत्री बने। 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पीसी चाको कांग्रेस प्रभारी थे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पीसी चाको 2G स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच करने वाली सयुंक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष भी रहे थे।
केरल विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. सी.चाको के इस्तीफे को कांग्रेस को बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओ की कांग्रेस की नीतियों से असहमति और नाराजगी खुल कर सामने आ रही है। इससे पूर्व जम्मू में जी 23 समूह के नेताओ ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से असहमति जताते हुए चेताया था। इस दौरान कांग्रेस में दो फाड़ साफ़ देखने में आयी थी।
राहुल गांधी के उत्तर और दक्षिण भारत की राजनीति को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर भी कांग्रेस में दो खेमे नजर आये थे। पीसी चाको के इस्तीफे से कांग्रेस को कितना नुकसान होगा यह तो समय ही बताएगा लेकिन कांग्रेस के असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं को साधना अब पार्टी आलाकमान के लिए मुश्किल होता जा रहा है।