पायलट और राहुल की मुलाकात के बाद राजस्थान के सियासी संकट का हुआ समाधान

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने पायलट को आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य की राजनीति के बारे में उनकी शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा और उनकी पिछली स्थिति उप मुख्यमंत्री और राज्य पार्टी प्रमुख को बहाल किया जाएगा.....

Update: 2020-08-10 15:18 GMT

नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात के बाद राजस्थान में व्याप्त सियासी गतिरोध को सुलझा लिया गया है।

इससे पहले सचिन पायलट और उनके समर्थकों को पार्टी में लाने की कोशिशों के बीच, नाराज चल रहे नेता ने सोमवार को राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की।

सूत्रों के मुताबिक, पायलट के राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद दोनों ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में एक और मुलाकात की। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास पर पहुंचे, जहां तीनों ने मुलाकात कर विचार विमर्श किया।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने पायलट को आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य की राजनीति के बारे में उनकी शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा और उनकी पिछली स्थिति उप मुख्यमंत्री और राज्य पार्टी प्रमुख को बहाल किया जाएगा।

कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि पायलट खेमे ने अहमद पटेल सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से संपर्क किया था और हालिया घटनाक्रम पर राहुल गांधी को भी विश्वास में लिया गया है और उन्होंने इस कदम का समर्थन किया है।

कांग्रेस के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी के अनुभवी नेता अहमद पटेल उस मुद्दे को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं, जिसने पायलट खेमे की बगावत से राज्य में अशोक गहलोत सरकार का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था।

कांग्रेस ने इस वाकये के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था।

रविवार की रात जैसलमेर के एक होटल में ठहरे गहलोत खेमे के कांग्रेस विधायकों की बैठक में विद्रोहियों को पार्टी में वापस लेने को लेकर मिश्रित विचार सामने आए। कुछ विधायकों ने बागी खेमे के नेताओं को वापस लेने के लिए कहा, वहीं कुछ इसके पक्ष में नहीं थे।

इस बीच राज्य के नेताओं की दिल्ली में चल रही सुगबुगाहट पर भी पैनी नजर है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने पुष्टि की है कि राजस्थान के कुछ मंत्रियों को पायलट और उनके वफादार विधायकों को फिर से पार्टी से जोड़ने को लेकर बैठक करने के संकेत मिले थे

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