सियासी पैंतरा : दिल्ली में ऑक्सीजन की देरी से आपूर्ति पर केंद्र ने किसानों के धरने को ठहराया जिम्मेदार

ऑक्सीजन निर्यातक कंपनियों का कहना है कि दिल्ली से लगी सीमाओं पर ऑक्सीजन टैंकरों को किसान आंदोलन के चलते तीन से चार घंटे तक फंसे रहना पड़ता है। इसी वजह से देश की राजधानी दिल्ली में देरी से ऑक्सीजन का टैंकर पहुंच रहा है...

Update: 2021-04-22 02:09 GMT

जनज्वार ब्यूरो/नई दिल्ली। सियासत भी क्या क्या गुल खिलाकर नसीब होती है इसकी पूरी एक किस्सागोई बनाई जा सकती है। वही किस्सागोई बेइज्जत भी करती है राजनीति जैसे कभी पाक रहे पेशे में। वक्त जाता रहा राजनीति कुटिल होती गई। अब की मौजूदा राजनीति तो अतिसयानी हो गई है, जिसके चलते अब बेहद निम्नतम स्तर का बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है।

दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से दिल्ली में समाप्त होते ऑक्सिजन सिलेंडर की आपूर्ति के लिए पत्र लिखा था। केंद्र सरकार दिल्ली में कम तो कभी ठीक मात्रा में ऑक्सिजन उपलब्ध तो करा रही है लेकिन इसमें एक नया पेंच ये फंस रहा है कि ऑक्सीजन के टैंकर दिल्ली में 3 से 4 घण्टे की देरी से पहुंच पा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने इसका कारण पूछा तो बताया गया कि बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के चलते ट्रक देर से पहुंच पा रहे हैं।

ऑक्सीजन निर्यातक कंपनियों का कहना है कि दिल्ली से लगी सीमाओं पर ऑक्सीजन टैंकरों को किसान आंदोलन के चलते तीन से चार घंटे तक फंसे रहना पड़ता है। इसी वजह से देश की राजधानी दिल्ली में देरी से ऑक्सीजन का टैंकर पहुंच रहा है। बताया जा रहा है कि दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन की ओर से ऑक्सीजन टैंकरों को रोका गया है। लेकिन इन दिक्कतों के बाद क्या सरकार ने कोई विकल्प निकाला? सरकार चाहती तो किसानों के रास्तों को छोड़कर अन्य रास्तों से ऑक्सीजन आ सकती थी।

ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियों ने इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है, गौरतलब है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र सरकार से मदद की मांग की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के आगे किसान आंदोलन नाम की एक यॉर्कर फेंकी है, देखते हैं केजरीवाल इससे निकल पाते हैं या फिर क्लीन बोल्ड होंगे।

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