Pramod Krishnam ने यशवंत सिन्हा के बयान पर कहा - न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी, अहम सवाल - मंशा क्या है आचार्य जी?

आचार्य प्रमोद कृष्णम पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। अलग-अलग मुद्दों पर ट्विट कर इसका संकेत भी वो देते रहते हैं।

Update: 2022-07-13 08:36 GMT

नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार न बनाए जाने से कांग्रेस के प्रवक्ता रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम ( Acharya Pramod Krishnam ) पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। अलग-अलग मुद्दों पर ट्विट कर इसका संकेत भी वो देते रहते हैं। उनके ट्विट से संकेत मिलता है कि वो कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं और भाजपा ( BJP ) की नीतियों से खुद को जोड़कर चल रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस ( Congress ) के नेता भी उन्हें अब तवज्जो नहीं दे रहे। तो क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुनील जाखड़ के बाद अब वो भी भाजपा का दामन थामेंगे?

विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ( Yashwant sinha ) के एक बयान पर रिट्वीट कर जो जवाब दिया है उससे तो यही संकेत मिल रहा है। उन्होंने यशवंत सिन्हा के बयान पर कहा - न नौ मन तेल होगा-न राधा नाचेगी। यानि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतेंगे तभी न वो संविधान की रक्षा करेंगे और प्रजातांत्रिक मूल्यों का हनन नहीं होने देंगे। उनकी जीत की तो उम्मीद ही नहीं है। हारेंगे के कितने बड़े अंतर से, यह अहम सवाल है।

ये है यशवंत सिन्हा का स्टेटमेंट

एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने 11 जुलाई को चुनाव प्रचार के दौरान बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति चुने जाने पर मैं संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करूंगा और सरकार को ऐसा कुछ भी करने से रोकूंगा, जिससे प्रजातंत्र का हनन हो। जैसे राज्य में चुनी हुई सरकार को गिराना।

देश की आबादी बड़ी समस्या

इसके अलावा ताजा ट्विट में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बढ़ती हुई "जन संख्या" विवाद पर अपने ट्विट में लिखा है कि आबादी इस देश की एक बहुत बड़ी "समस्या" है। इससे पहले कि लोकतंत्र-भीड़तंत्र में परिवर्तित हो जाये देश के सभी राजनैतिक दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र हित में population कंट्रोल के लिये ठोस और "सकारात्मक" क़दम उठाने चाहिए।

आचार्य के ट्विट पर आपस में भिड़े कांग्रेस नेता

इसी तरह महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार (Maharashtra Government) जब संकट में थी तो उन्होंने अपने ट्विट में लिखा था कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन सीएम आवास वर्षा खाली कर दिया। देर रात सीएम हाउस छोड़कर उद्धव ठाकरे मातोश्री शिफ्ट हो गए। वहीं कांग्रेस और एनसीपी की ओर से कुछ भी खुलकर नहीं बोला जा रहा और इसे शिवसेना का आंतरिक मामला बताया जा रहा है। महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) के इस ट्विट के बाद आपस में कांग्रेसी नेता भिड़ गए।

सीएम पद से त्यागपत्र देने में न करें विलंब

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए बुधवार लिखा कि सत्ता को 'ठोकर' मारने वाले स्व.बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे को को मराठा गौरव की रक्षा करने के लिए नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री के पद को त्यागने में एक पल का विलम्ब भी नहीं करना चाहिये।

आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस ट्वीट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश भड़क गए। उन्होंने इसके जवाब में लिखा कि यह कांग्रेस पार्टी के विचार नहीं हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि न ही यह कांग्रेस पार्टी के विचार हैं न ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के इस ट्वीट पर आचार्य प्रमोद कृष्णम के दोबारा ट्वीट किया और लिखा कि अधिकृत तो 'टेम्प्रेरी' होता है प्रभु, मैं तो 'परमानेंट' हूं, फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो जयराम जी की। वहीं इस कमेंट पर सोशल मीडिया पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं।

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