प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा लखीमपुर की घटना से पार्टी के मजबूत होने की उम्मीद बेकार

Prashant Kishor : पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत के बात इस बात का अंदेशा जताया जा रहा था कि प्रशांत किशोर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं लेकिन इस ट्वीट के बाद अब सभी अटकलों पर विराम लग गया है.

Update: 2021-10-08 13:39 GMT

(राजनीतिक सलाहकार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर)

जनज्वार। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अपने ताजा ट्वीट में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो लोग या पार्टियां यह सोच रही हैं कि 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' (GOP) के सहारे विपक्ष की तुरंत वापसी होगी वे गलतफहमी में हैं। उनको निराशा ही हाथ लगेगी। उन्होंने आगे लिखा है कि दुर्भाग्य से 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' की जड़ों और उनकी संगठनात्मक संरचना में बड़ी कमियां हैं। फिलहाल इस समस्या का कोई समाधान भी नहीं है। 

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election) से पहले प्रशांत किशोर की यह टिप्पणी अहम मानी जा रही है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत के बात इस बात का अंदेशा जताया जा रहा था कि प्रशांत किशोर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं लेकिन इस ट्वीट के बाद अब सभी अटकलों पर विराम लग गया है। प्रशांत किशोर अभी भी विपक्षी को भाजपा से मुकाबला करने लायक नहीं मानते हैं। उन्होंने पहले भी एक बयान में कहा था कि पार्टियों को अपने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव करने की जरूरत है। ऐसे में उनके नए बयान को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

बता दें कि कांग्रेस (Congress) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) बुधवार 6 अक्टूबर की देर रात लखीमपुर खीरी पहुंचे। यहां कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात की। यहां इन्होंने किसान लवप्रीत के परिवार से मुलाकात की। लवप्रीत के माता-पिता राहुल गांधी और प्रियंका को देखकर रोने लगे। इसके बाद राहुल प्रियंका ने लवप्रीत के माता पिता को ढांढस बंधाते हुए अपने सीने से लगा दिया।  

इससे पहले घटना के तुरंत बाद प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी के लिए निकली थीं लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इसके बाद प्रियंका को सीतापुर के गेस्ट हाउस में रखा गया। गेस्ट हाउस में प्रियंका ने झाड़ू लगाकर खुद को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया था।   

रविवार 3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र के दौरे का विरोध जताते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इससे चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद किसान भड़क गए और उन्होंने वाहनों को आग के हवाले करना शुरु कर दिया। इस दौरान एक पत्रकार की भी मौत हुई।  

बता दें कि प्रशांत किशोर ने शुरुआत में 2014 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2014) में भाजपा (BJP) के साथ काम किया। उसके बाद वह जेडीयू (JDU) में शामिल हुए थे और पार्टी के उपाध्यक्ष भी बने थे। इसके अलावा वह ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ भी काम कर चुके हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ काम किया था। इसके अलावा वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सलाहकार भी थे।    

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